नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच शुरू हुआ शीत युद्ध शांत होता नहीं दिख रहा है।
इसके संकेत उस समय मिले, जब प्रदेश सरकार द्वारा नमामि गंगे को ले कर लगाए गए पोस्टरों से मोदी और शाह के चित्र नदारद थे। यह पहला मौक़ा है, जब सरकार द्वारा जारी किये गए किसी पोस्टर से प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के चित्र हटा दिए गए हो। माना जा रहा है कि योगी और मोदी के बीच चल रहे शीत युद्ध के कारण योगी ने यह कदम उठाया है।
हालाँकि मोदी और शाह की जोड़ी राज्यों को ठाकुर वाद से मुक्त कर आगामी विधानसभा चुनाव में ब्राह्मण मतदाताओं को लामबंद करने में जुट गए हैं। सूत्र बताते हैं कि मोदी और शाह की कोशिश है कि योगी का कद छांटने के लिए वैकल्पिक नेतृत्व खड़ा किया जाए।
चूँकि योगी कथित रूप से आरोप है कि वह राज्य में ठाकुर वाद को बढ़ावा दे रहे है और ब्राह्मणों की उपेक्षा कर रहे हैं को देखते हुए मोदी ब्राह्मणों को आगे करने की कोशिश में जुटे हैं। पहले अपने करीबी एके शर्मा को उपमुख्यमंत्री बनाने की कोशिश की और अब जितिन प्रसाद को भाजपा में ला कर ब्राह्मण मतदाताओं को साधने की कोशिश हो रही है। योगी इस चाल को पूरी तरह भाप रहे हैं नतीजा उन्होंने अपनी छवि सुधारने की कोशिशें तेज़ कर दी हैं। नमामि गंगे का पोस्टर उसी कड़ी का एक हिस्सा है।