तथ्यों को तोड़-मरोडकर किसानों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे प्रधानमंत्री मोदी: ममता
By भाषा | Updated: December 25, 2020 21:24 IST2020-12-25T21:24:55+5:302020-12-25T21:24:55+5:30

तथ्यों को तोड़-मरोडकर किसानों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे प्रधानमंत्री मोदी: ममता
कोलकाता, 25 दिसंबर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में पीएम-किसान सम्मान निधि योजना लागू नहीं किए जाने को लेकर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर आधे सच और तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश कर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया।
बनर्जी ने कहा कि प्रधानमंत्री किसानों के मुद्दों को सुलझाने के लिये सक्रिय रूप से काम करने के बजाय अपने टीवी संबोधन के जरिये उनके प्रति चिंता व्यक्त करते हैं।
उन्होंने एक बयान में कहा, '' वह (प्रधानमंत्री) पीएम-किसान योजाना के जरिये पश्चिम बंगाल के किसानों की मदद की अपनी मंशा सार्वजनिक रूप से जाहिर करते हुए राज्य सरकार पर सहयोग नहीं करने का आरोप लगा रहे हैं जबकि हकीकत यह है कि वह आधे सच और तोड़-मरोड़ कर पेश किये गए तथ्यों के आधार पर लोगों को गुमराह करने के प्रयास कर रहे हैं।''
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को अपने टीवी संबोधन के दौरान बनर्जी पर राज्य को ''बर्बाद' करने और प्रदेश के 70 लाख से अधिक किसानों को केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (पीएम-किसान) के लाभ से वंचित रखने का आरोप लगाया। इस योजना के तहत प्रत्येक किसान को प्रतिवर्ष 6000 रुपये दिये जाते हैं।
मोदी के आरोप पर पलटवार करते हुए बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार किसानों के हित में सहयोग के लिये हमेशा तैयार रही है।
बनर्जी ने कहा कि उन्होंने केन्द्रीय कृषि मंत्री को दो बार पत्र लिखा और दो दिन पहले उनसे बात भी की।
मुख्यमंत्री ने कहा, ''वे सहयोग करने के बजाय राजनीतिक लाभ उठाने के लिये दुष्प्रचार कर रहे हैं।''
बनर्जी ने सोमवार को केन्द्रीय कृषि मंत्री को पत्र लिखकर एक बार फिर अनुरोध किया था कि पीएम-किसान कोष को पश्चिम बंगाल सरकार के जरिये किसानों तक पहुंचाया जाए।
इससे पहले उन्होंने सितंबर में भी इस प्रस्ताव के संबंध में कृषि मंत्री को पत्र लिखा था।
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