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प्रधानमंत्री मोदी आरएसएस की कठपुतली हैं : कुमारस्वामी

By भाषा | Updated: October 5, 2021 21:39 IST

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बेंगलुरू, पांच अक्टूबर जद (एस) के नेता एच. डी. कुमारस्वामी ने मंगलवार को कहा कि केंद्र और कर्नाटक में भाजपा की सरकार आरएसएस के इशारे पर काम कर रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसकी ‘‘कठपुतली’’ हैं।

कुमारस्वामी ने कहा, ‘‘मैं राष्ट्रीय राजनीति में इन घटनाक्रमों को देख रहा हूं। चाहे वह केंद्र की सरकार हो या हमारे राज्य में सरकार हो, वे निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की सरकार नहीं हैं। ये सरकारें आरएसएस के निर्देश पर काम कर रही हैं।’’

उन्होंने यहां संवाददाताओं से बात करते हुए आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आरएसएस की कठपुतली के रूप में काम कर रहे हैं न कि स्वतंत्र रूप से।

उन्होंने कहा, ‘‘यह भाजपा की सरकार नहीं है, यह आरएसएस की सरकार है। यह नरेंद्र मोदी की भी सरकार नहीं है...।’’

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वह घटनाक्रमों का सूक्ष्म विश्लेषण कर रहे हैं और कुछ किताबें पढ़ रहे हैं और आरोप लगाया कि देश को उस स्थिति में धकेलने का षड्यंत्र चल रहा है जिस स्थिति में यह करीब सौ वर्ष पहले था।

आरएसएस पर एक किताब का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि संघ ने कभी भी अपनी बैठकों में देश के विकास और गरीबी खत्म करने के बारे में चर्चा नहीं की है और उनका एकमात्र एजेंडा ‘‘इस देश पर नियंत्रण करना’’ है।

उन्होंने देश के युवकों को आरएसएस के ‘‘गुप्त एजेंडा’’ से प्रभावित होने के प्रति चेताया।

किताब का जिक्र करते हुए कुमारस्वामी ने आरोप लगाए कि अपने गुप्त एजेंडा के तहत आरएसएस ने देश में नौकरशाहों की टीम तैयार की है जिन्हें अब विभिन्न संस्थानों में तैनात किया जा रहा है।

उन्होंने दावा किया, ‘‘उस किताब में बताया गया है कि इस देश में करीब 4000 नौकरशाह -- आईएएस और आईपीएस अधिकारी -- आरएसएस के कार्यकर्ता हैं। वे सिविल सेवा परीक्षा के उम्मीदवारों को प्रशिक्षण देते हैं। केवल 2016 में उनके द्वारा प्रशिक्षित 676 लोग चयनित हुए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उनका (आरएसएस/भाजपा) मुख्य एजेंडा मनुस्मृति है, वे हिंदुत्व की बात करते हैं। हम भी हिंदू हैं, यह किसी की जागीर नहीं है... जो लोग सत्ता में हैं, उनका मुख्य लक्ष्य जरूरमंदों का कल्याण होना चाहिए न कि हिंदुत्व।’’

जद (एस) के नेता ने कहा कि राज्य सरकार को धर्म परिवर्तन के खिलाफ कानून लाने के बजाए अपनी कल्याण योजनाओं को इस तरह से लागू करना चाहिए कि सुविधाओं से वंचित अंतिम व्यक्ति तक यह पहुंचे।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर सरकार ऐसा करती है तो इस तरह की चीजें (धर्म परिवर्तन) नहीं होंगी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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