दिल्ली में प्लाज्मा थेरेपी का ट्रायल कोरोना वायरस के संक्रमितों पर किया जा रहा है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को बताया कि लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल में 4 मरीजों पर प्लाज्मा थेरेपी का ट्रायल किया गया, जो उत्साहजनक रहे हैं। वहीं डॉक्टर भी इसे काफी पुरानी और सफल तकनीक बता रहे हैं।
दिल्ली एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने बताया, "प्लाज्मा थेरेपी कोई नई नहीं है, ये 100 सालों से ज्यादा समय से मौजूद है। सबसे पहले इसका इस्तेमाल 1918 की महामारी में हुआ था। 6-10 मरीजों की दो छोटी स्टडी हुई हैं, जिसमें ये पता चला है कि ये कोरोना वायरस में ये उपयोगी हो सकती है।"
डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने बतााया, "प्लाज्मा थेरेपी उपचार का एकमात्र तरीका नहीं है। ऐसा नहीं है कि ये सभी मरीजों में कारगर होगी ही। जो खून ठीक हुए मरीज दे रहे हैं उसमें अच्छी मात्रा में एंटीबाडीज होनी चाहिए। हमें इसे एक मैजिक बुलेट की तरह नहीं लेना चाहिए।"
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि जिन चार मरीजों पर प्लाज्मा थेरेपी का ट्रायल किया गया है, उनके नतीजे उत्साहजनक हैं और दो को जल्द ही अस्पताल से छुट्टी मिल सकती है। केजरीवाल के अनुसार इसमें एक मरीज की हालत बहुत नाजुक थी।
बता दें कि दरअसल प्लाज्मा थेरेपी से इलाज के दौरान कोरोना से ठीक हुए शख्स का ब्लड प्लाज्मा मरीज में डाला जाता है। चूकी ठीक हुए मरीज के शरीर में एंटीबॉडीज ज्यादा होते हैं, इसलिए ये उम्मीद रहती है कि इससे खराब परिस्थिति से जूझ रहे मरीज को मदद मिलती है और वह ठीक हो सकता है।
स्वास्थ्य मंत्रायल के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 2376 पहुंच गई है, जिसमें 50 लोगों की मौत हो चुकी है और 808 लोग ठीक हो चुके हैं।
देश में कोरोना वायरस की चपेट में अब तक 23077 लोग आ चुके हैं, जिसमें से 718 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है और 4748 लोग ठीक भी हुए हैं। एक व्यक्ति देश से बाहर चला गया है और अब भारत में कोरोना वायरस के 17610 एक्टिव केस मौजूद हैं।