हॉर्न के रूप में केवल भारतीय वाद्ययंत्रों की आवाज इस्तेमाल करने के लिए कानून लाने की योजना: गडकरी

By भाषा | Updated: October 5, 2021 00:47 IST2021-10-05T00:47:54+5:302021-10-05T00:47:54+5:30

Plan to bring law to use only sound of Indian instruments as horn: Gadkari | हॉर्न के रूप में केवल भारतीय वाद्ययंत्रों की आवाज इस्तेमाल करने के लिए कानून लाने की योजना: गडकरी

हॉर्न के रूप में केवल भारतीय वाद्ययंत्रों की आवाज इस्तेमाल करने के लिए कानून लाने की योजना: गडकरी

नासिक(महाराष्ट्र), चार अक्टूबर केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि वह एक ऐसा कानून लाने की योजना बना रहे हैं, जिसके तहत वाहनों के हॉर्न के रूप में केवल भारतीय वाद्ययंत्रों की आवाज का इस्तेमाल किया जा सके।

यहां एक राजमार्ग के उद्घाटन समारोह में उन्होंने कहा कि वह एम्बुलेंस और पुलिस की गाड़ियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सायरन का भी अध्ययन कर रहे हैं और उन्हें आकाशवाणी पर बजाए जाने वाली अधिक कर्णप्रिय धुन में बदलने पर विचार कर रहे हैं।

गडकरी ने कहा कि उन्होंने लाल बत्ती खत्म कर दी है। उन्होंने कहा, ‘‘अब मैं इन सायरन को भी खत्म करना चाहता हूं। अब मैं एम्बुलेंस और पुलिस द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सायरन का अध्ययन कर रहा हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘एक कलाकार ने आकाशवाणी के लिए एक धुन बनायी और इसे सुबह-सुबह बजाया गया। मैं उस धुन को एंबुलेंस के लिए इस्तेमाल करने की सोच रहा हूं ताकि लोगों को अच्छा लगे। खासकर मंत्रियों के गुजरते समय सायरन का इस्तेमाल जोरदार आवाज में किया जाता है जो बहुत परेशान करने वाला होता है। इससे कानों को भी नुकसान पहुंचता है।’’

गडकरी ने कहा, ‘‘मैं इसका अध्ययन कर रहा हूं और जल्द ही एक कानून बनाने की योजना बना रहा हूं’’ कि सभी वाहनों के हॉर्न से भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों की आवाज़ आए, ताकि उन्हें सुनना कर्णप्रिय रहे। जैसे बांसुरी, तबला, वायलिन, हारमोनियम।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक लाख करोड़ रुपये की लागत वाला नया मुंबई-दिल्ली राजमार्ग पहले से ही निर्माणाधीन है, लेकिन यह भिवंडी से होते हुए जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट-मुंबई की परिधि तक पहुंचता है।

गडकरी ने कहा कि मंत्रालय वसई क्रीक पर पहले से ही एक राजमार्ग का निर्माण कर रहा है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के तत्कालीन लोक निर्माण मंत्री के रूप में, वह बांद्रा-वर्ली को वसई-विरार से नहीं जोड़ सके थे।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं समुद्र में एक पुल बनाने और इसे बांद्रा-वर्ली सी लिंक से जोड़ने की योजना बना रहा हूं और फिर नरीमन पॉइंट से दिल्ली के बीच की दूरी को कवर करने में 12 घंटे लगेंगे। यह वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर यातायात को कम करेगा।’’

उन्होंने कहा कि भारत में हर साल 5 लाख दुर्घटनाएं होती हैं जिसमें 1.5 लाख लोग मारे जाते हैं और लाखों लोग घायल होते हैं। उन्होंने कहा कि दुर्घटनाओं के कारण हम अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3 प्रतिशत गंवा देते हैं।

उन्होंने कहा कि मुंबई-पुणे हाईवे पर हादसों में 50 फीसदी की कमी आई है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु सरकार ने दुर्घटनाओं और मौतों में 50 फीसदी की कमी की है, लेकिन महाराष्ट्र में ऐसी सफलता हासिल नहीं की जा सकी है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र में दुर्घटनाओं के कारण मरने वालों की दर बहुत अधिक है। गडकरी ने यह भी कहा कि उन्होंने वाहनों के लिए छह एयरबैग अनिवार्य कर दिए हैं।

गडकरी ने एक शिलान्यास कार्यक्रम में कहा कि वर्तमान फोर-लेन नासिक-मुंबई राजमार्ग लगभग 5,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से जल्द ही छह लेन का होगा। गडकरी ने नासिक में विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया।

नासिक जिले के प्रभारी मंत्री छगन भुजबल ने मुंबई-नासिक राजमार्ग को छह लेन का बनाने और सारदा सर्कल से नासिक रोड तक तीन टीयर फ्लाईओवर की मांग की थी।

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