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आखिर क्यों रेल मंत्री पीयूष गोयल ने 9 राज्यों के सीएम को लिखा पत्र और कहा- पीएम नरेंद्र मोदी करीबी से रखे हुए हैं नजर

By पल्लवी कुमारी | Updated: August 30, 2020 14:18 IST

इस वक्त रेलवे के दो डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर निर्माणाधीन है। एक है, पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, जो कि उत्तर प्रदेश से मुंबई तक जाता है। वहीं पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर जो पंजाब के लुधियाना से पश्चिम बंगाल के दानकुनी तक है।

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ठळक मुद्देप्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की तरफ से उठाई गई चिंताओं के बाद पीयूष गोयल ने यह नौ राज्यों को पत्र लिखा है।पीयूष गोयल ने इन सभी राज्यों के सीएम को कहा है कि कैसे डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर 'लंबे समय से लंबित मुद्दा' बना हुआ हैरेल मंत्री पीयूष गोयल ने इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है। 

नई दिल्ली:  रेल मंत्री पीयूष गोयल ने नौ राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है। इस पत्र में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) परियोजना में अड़चनों को दूर करने का आग्रह किया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस परियोजना पर करीबी नजर रख रहे हैं। इस पत्र में पीयूष गोयल ने नौ मुख्यमंत्रियों को लिखे पत्र में भूमि संबंधी मुद्दों, ग्रामीणों की मांगों और राज्य के अधिकारियों द्वारा धीमी गति से काम करने का मामला उठाया, जिनसे 81 हजार करोड़ रुपये की डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर परियोजना का काम प्रभावित हुआ है। 

इन नौ राज्यों को रेल मंत्री पीयूष गोयल ने लिखा है पत्र

प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की तरफ से उठाई गई चिंताओं के बाद पीयूष गोयल ने यह नौ राज्यों को पत्र लिखा है। पीयूष गोयल ने जिनको पत्र लिखा है, उसमें गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र और झारखंड के मुख्यमंत्री शामिल हैं। पीयूष गोयल ने इन सभी राज्यों के सीएम को कहा है कि कैसे डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर 'लंबे समय से लंबित मुद्दा' बना हुआ है जिसका अभी तक समाधान नहीं हुआ है। रेल मंत्री ने इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है। 

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने पत्र में आखिर क्या लिखा है? 

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने पत्र में कहा है, प्रधानमंत्री ने परियोजना की प्रगति की बारीकी से निगरानी की है। डीएफसी 1,000 किलोमीटर से अधिक उत्तर प्रदेश राज्य से होकर गुजरती है ... हालांकि, भूमि अधिग्रहण और आरओबी निर्माण से संबंधित कुछ मुद्दे अभी भी कायम हैं, जिन्हें तत्काल हल करने की आवश्यकता है ताकि लक्षित समय के भीतर परियोजना का काम पूरा हो सके।’’ 

पीयूष गोयल ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र में कहा, हालांकि विभिन्न जिलों में लंबित मध्यस्थता और भूमि के कब्जे में बाधाएं आदि में देरी से परियोजना के काम पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है ... आप इस बात को समझेगी कि परियोजना के काम को शुरू करने के लिए इन बाधाओं को दूर करना आवश्यक है।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखे अपने पत्र में  पीयूष गोयल ने कहा, राज्य परियोजना का एक प्रमुख लाभार्थी है, क्योंकि पूर्वी डीएफसी का 236 किलोमीटर दायरा गया, औरंगाबाद, कैमूर और रोहतास जिलों से होकर गुजर रहा है और आपके राज्य में निवेश को आकर्षित करने की संभावना है।

इसी तरह हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और पंजाब जैसे राज्यों में, राज्य सरकारों द्वारा आरओबी के लिए भूमि अधिग्रहण में देरी से परियोजना में विलंब हुआ है। रेलवे एक सितंबर को उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात और महाराष्ट्र के राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक भी करेगा। 

पीयूष गोयल ने खासकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से व्यक्तिगत हस्तक्षेप कर उनके राज्य में आ रही अड़चनों का समाधान करने का आग्रह किया है। उत्तर प्रदेश में डीएफसी का दायरा एक हजार किलोमीटर से अधिक है।

इसके अलावा रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रेलवे के सामने आ रही कुछ समस्याओं के बारे में बताया जिनमें पुलों पर लंबित सड़क (आरओबी), आंदोलन के कारण मुजफ्फरनगर, मेरठ, सहारनपुर जैसे क्षेत्रों में भूमि को कब्जे में लेने में बाधा, ग्रामीणों द्वारा मुआवजे और नौकरियों की मांग, उत्तर प्रदेश वन विभाग द्वारा पट्टा किराए की अनुचित मांग और मिर्जापुर जिले में आरओबी के निर्माण को लेकर ग्रामीणों द्वारा विरोध आदि शामिल हैं। गोयल ने पत्रों में उन सभी मुद्दों को उठाया है जिनका राज्यों में विशिष्ट क्षेत्रों में रेलवे द्वारा सामना किया जा रहा हैं।

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने इस पूरे मामले पर क्या कहा? 

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वी के यादव के ने बताया कि वर्तमान में दो डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर निर्माणाधीन है- पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डब्ल्यूडीएफसी) जो उत्तर प्रदेश से मुंबई तक और पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (ईडीएफसी) जो पंजाब के लुधियाना से पश्चिम बंगाल के दानकुनी तक है और इन कॉरिडोर का काम दिसम्बर 2021 तक पूरा किया जाना था लेकिन अब इस तिथि को छह महीने आगे यानी जून 2022 तक बढ़ा दिया गया है। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस महामारी के कारण काम में व्यवधान के कारण देरी हुई। (पीटीआई-भाषा इनपुट के साथ)

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