पिनरायी विजयन हैं हिटलर और मुसोलिनी की तरह निरंकुश शासक : रीमा
By भाषा | Updated: April 1, 2021 16:17 IST2021-04-01T16:17:39+5:302021-04-01T16:17:39+5:30

पिनरायी विजयन हैं हिटलर और मुसोलिनी की तरह निरंकुश शासक : रीमा
तिरुवनंतपुरम, एक अप्रैल साधारण वेशभूषा में के. के. रीमा पहली नजर में किसी आम गृहिणी की तरह नजर आती हैं, हालांकि जब वह विनम्र, लेकिन तीखी आवाज में बोलती हैं तो देखनेवाले देखते रह जाते हैं और यही खूबी उन्हें केरल में अन्य महिला नेताओं से अलग बनाती है।
क्रांतिकारी मार्क्सवादी पार्टी (आरएमपी) के दिवंगत संस्थापक टी पी चंद्रशेखरन की पत्नी रीमा केरल के कोझिकोड जिले की वडाकरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रही हैं जहां छह अप्रैल को मतदान होगा। उन्हें कांग्रेस नीत यूडीएफ का समर्थन प्राप्त है।
केरल में राजनीतिक हिंसा की खुद पीड़ित रहीं रीमा के पति की 2012 में हत्या कर दी गई थी जो माकपा से अलग हो गए थे और स्थानीय स्तर पर एक दिग्गज नेता थे।
रीमा का कहना है कि उनकी लड़ाई राज्य में राजनीति के नाम पर की जाने वाली बर्बर हत्याओं के खिलाफ है।
चंद्रशेखरन को लोग टी पी कहकर पुकारते थे। उनकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से उनके शरीर पर धारदार हथियार के 51 निशान मिले थे। इस हत्या को केरल के इतिहास में सबसे बर्बर राजनीतिक हत्याओं में से एक माना जाता है।
वर्ष 2014 में एक स्थानीय अदालत ने इस मामले में 11 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी जिनमें से तीन माकपा के स्थानीय पदाधिकारी थे।
रीमा अपने पूरे चुनाव प्रचार के दौरान सत्तारूढ़ माकपा की कथित हत्या राजनीति पर निशाना साधती रही हैं।
आरएमपी उम्मीदवार ने पीटीआई-भाषा के साथ साक्षात्कार में कहा कि उन्हें लोगों से जबरदस्त समर्थन मिल रहा है।
मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन को ‘‘अहंकारी और निरंकुश’’ करार देते हुए रीमा ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि वह हिटलर और मुसोलिनी जैसे शासक हैं। उनमें वह मानवता नहीं है जिसकी हम किसी शासक से उम्मीद करते हैं। यहां तक कि चंद्रशेखरन की मृत्यु के बाद भी उन्होंने उनके खिलाफ घृणित शब्दों का इस्तेमाल किया। इस तरह का काम केवल विजयन जैसा व्यक्ति ही कर सकता है।’’
रीमा वर्ष 2016 में वडाकरा सीट से चुनाव हार गई थीं और इस बार चुनाव लड़ने की इच्छुक नहीं थीं, लेकिन बाद में उन्होंने अपनी पार्टी और कांग्रेस नीत यूडीएफ के दबाव में अपना फैसला बदल लिया और माकपा के खिलाफ चुनाव में उतर गईं।
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