भारत में स्वास्थ्य सेवा कार्यबल बढ़ाने को लेकर चिकित्सकों के संघ ने दिया सुझाव

By भाषा | Updated: June 23, 2021 18:39 IST2021-06-23T18:39:34+5:302021-06-23T18:39:34+5:30

Physicians' association suggested for increasing healthcare workforce in India | भारत में स्वास्थ्य सेवा कार्यबल बढ़ाने को लेकर चिकित्सकों के संघ ने दिया सुझाव

भारत में स्वास्थ्य सेवा कार्यबल बढ़ाने को लेकर चिकित्सकों के संघ ने दिया सुझाव

नयी दिल्ली, 23 जून प्रतिष्ठित परामर्श फर्म और भारतीय मूल के डॉक्टरों (फिजिशियन) के वैश्विक संघ ने संयुक्त रूप से दो अनुसंधान पत्र प्रकाशित किए हैं जिसमें भारत में नर्सिंग को अधिक आकर्षक पेशा बनाने सहित स्वास्थ्य कार्यबल को बढ़ाने के तरीकों को लेकर सुझाव दिए गए हैं।

बुधवार को जारी बयान के मुताबिक ‘रीइमेजिंग नर्सेज रोल इन इंडिया’ और ‘फार्मलाइजिंग एलायड हेल्थकेयर वर्कफोर्स इन इंडिया’ शीर्षक से तो अनुसंधान पत्र नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत और सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ.वीके पॉल के समक्ष प्रस्तुत किए गए हैं।

बयान के मुताबिक बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) और ग्लोबल एसोसिएशन ऑफ फजिशियन ऑफ इंडियन ऑरीजिन (जीएपीआईओ) ने संयुक्त रूप से दो अनुसंधान पत्र जारी किए हैं जिसका उद्देश्य देश में स्वास्थ्य देखभाल कार्यबल को बढ़ाना है।

ये अनुसंधान पत्र इस मायने में अहम है कि पिछले दो साल में कोविड-19 महामारी से निपटने में नर्सों और अन्य सहयोगी स्वास्थ्य पेशेवरों ने अहम भूमिका निभाई है और इसमें विभिन्न अस्पतालों में महामारी के दौरान इस कार्यबल में कमी को रेखांकित किया गया है।

जीएपीआईओ और अपोलो अस्पताल समूह के संस्थापक अध्यक्ष डॉ.प्रताप सी रेड्डी के मुताबिक, ‘‘स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में नर्स और संबद्ध स्वास्थ्य कर्मियों की लगातार कमी को देखते हुए भारत को इस क्षेत्र में मूलभूत बदलाव के लिए समीक्ष करने की जरूरत है।’’

जीएपीआईओ के महासचिव डॉ.सुधीर पारिख ने कहा, ‘‘स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) के अध्ययनों में संकेत मिला है कि संबद्ध स्वास्थ्य कर्मियों की मांग के मुकाबले आपूर्ति में कमी है और राज्यवार भी इनकी संख्या में अंतर देखा गया है।’’

पारिख् ने कहा कि भारत को वर्ष 2024 तक 60 से 70 लाख संबद्ध स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों (एएचपी) की जरूरत है। मौजूदा समय में प्रत्येक साल डेढ़ लाख सीटों के आधार पर इस लक्ष्य को प्राप्त नहीं किया जा सकेगा । उन्होंने कहा, ‘‘ हमें स्वास्थ्य देखभाल कार्यबल के लिए सीटों की संख्या और गुणवत्ता को बढ़ाना होगा।’’

बीसीजी की प्रबंधन निदेशक प्रियंका अग्रवाल ने कहा कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए अनुसंधान पत्र में एकीकृत रणनीति का प्रस्ताव किया है।

उनको उद्धृत करते हुए बयान में कहा गया, ‘‘नर्सों की कमी को दूर करने के लिए उन राज्यों पर ध्यान केंद्रित करना होगा जहां पर कॉलेज संबंधी आधारभूत अवसंरचना की कमी है। कॉलेजों को कार्य कर रहे मल्टीस्पेशियलटी अस्पतालों को संबद्ध करना होगा। इस पेशे को बेहतर वेतन और सामाजिक सम्मान बढ़ा अधिक आकर्षक बनाना होगा।’’

अग्रवाल ने कहा कि मौजूदा कुशलता बढ़ाने और नयी पद्धति अपनाकर, टेली नर्सिंग, रोबोटिक नर्सिंग और फॉरेंसिक नर्सिग तथा दुनिया की बेहतरीन तकनीक अपनाने की जरूरत है। नर्सिंग कॉलेजों में प्रशिक्षण देने वाले शिक्षकों की उपलब्धता भी सुधारने की जरूरत है।

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Web Title: Physicians' association suggested for increasing healthcare workforce in India

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