कक्षा 10वीं के अंकों के लिए मूल्यांकन पर सीबीएसई की नीति को संशोधित करने के लिए याचिका

By भाषा | Updated: June 2, 2021 20:14 IST2021-06-02T20:14:06+5:302021-06-02T20:14:06+5:30

Petition to revise CBSE's policy on evaluation for class 10th marks | कक्षा 10वीं के अंकों के लिए मूल्यांकन पर सीबीएसई की नीति को संशोधित करने के लिए याचिका

कक्षा 10वीं के अंकों के लिए मूल्यांकन पर सीबीएसई की नीति को संशोधित करने के लिए याचिका

नयी दिल्ली, दो जून दिल्ली उच्च न्यायालय में दाखिल एक याचिका में दावा किया गया है कि स्कूलों द्वारा आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर कक्षा 10 वीं के छात्रों के लिए अंकों का आकलन करने की केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की नीति असंवैधानिक है और इसमें संशोधन की जरूरत है। इस संबंध में उच्च न्यायालय ने बुधवार को केंद्र और दिल्ली सरकार से जवाब मांगा।

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने एक गैर सरकारी संगठन द्वारा दाखिल याचिका पर शिक्षा मंत्रालय, दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय और सीबीएसई को नोटिस जारी किेये।

एनजीओ ‘जस्टिस फॉर ऑल’ ने अपनी याचिका में कहा है कि स्कूल के पिछले औसत परिणाम के प्रदर्शन के आधार पर औसत मूल्यांकन करने की नीति छात्रों के साथ अन्याय होगी।

याचिका में कहा गया है कि जिला, राष्ट्रीय और राज्य औसत के अनुरूप अंकों को तय करने का फैसला बोर्ड परीक्षा में पहली बार बैठ रहे स्कूल के छात्रों के लिहाज से पूरी तरह ‘‘अतार्किक, अनुचित और दंडात्मक’’ होगा।

एनजीओ ने आरोप लगाया कि इससे अंकों में हेराफेरी और छात्रों और अभिभावकों का शोषण होगा।

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Web Title: Petition to revise CBSE's policy on evaluation for class 10th marks

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