लॉकडाउन: प्रवासी मजदूरों को लेकर याचिका पर SC में हुई सुनवाई, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- केंद्र जो कुछ पहले से कर रहा है, उसमें दखल नहीं देना चाहते
By स्वाति सिंह | Updated: March 30, 2020 14:05 IST2020-03-30T12:53:58+5:302020-03-30T14:05:15+5:30
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि देश और सभी राज्य सरकार स्थिति को कम करने के लिए सभी जरूरी कदम उठा रहे हैं। उ

केन्द्र और संबंधित राज्य सरकारों ने इस स्थिति से निबटने के लिये आवश्यक कदम उठाये हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कोरोनावायरस महामारी के प्रकोप से उत्पन्न दहशत और लॉकडाउन की वजह से बड़ी संख्या में कामगारों के शहरों से अपने पैतृक गांवों की ओर पलायन की स्थिति से निबटने के उपायों पर सोमवार को केन्द्र से स्थिति रिपोर्ट मांगी। शीर्ष अदालत ने टिप्पणी की कि दहशत और भय की वजह से बहुत संख्या में कामगारों का पलायन कोरोनावायरस से कहीं ज्यादा बड़ी समस्या बन रहा है।
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की पीठ ने इस मामले की वीडियो कांफ्रेन्सिग के माध्यम से सुनवाई के दौरान कहा कि वह इस स्थिति से निबटने के लिये सरकार द्वारा उठाये जा रहे कदमों के बीच कोई निर्देश देकर भ्रम पैदा नहीं करना चाहती।
पीठ ने कामगारों के पलायन से उत्पन्न स्थिति को लेकर जनहित याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव और रश्मि बंसल से कहा कि इस मामले में वह केन्द्र की स्थिति रिपोर्ट का इंतजार करेगी। केन्द्र की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कोरोनावायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिये इन कामगारों के पलायन को रोकने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र और संबंधित राज्य सरकारों ने इस स्थिति से निबटने के लिये आवश्यक कदम उठाये हैं। पीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद इन याचिकाओं को मंगलवार के लिये सूचीबद्ध कर दिया।