भवानीपुर उपचुनाव से संबंधित याचिका खारिज, तय तारीख पर ही होंगे उपचुनाव

By भाषा | Updated: September 28, 2021 17:22 IST2021-09-28T17:22:37+5:302021-09-28T17:22:37+5:30

Petition related to Bhawanipur by-election dismissed, by-elections will be held on the due date only | भवानीपुर उपचुनाव से संबंधित याचिका खारिज, तय तारीख पर ही होंगे उपचुनाव

भवानीपुर उपचुनाव से संबंधित याचिका खारिज, तय तारीख पर ही होंगे उपचुनाव

कोलकाता, 28 सितंबर कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को भवानीपुर विधानसभा सीट पर 30 सितंबर उपचुनाव को कराने की दिशा में आगे बढ़ने की मंजूरी यह कहते हुए दे दी कि इस पड़ाव पर चुनाव आयोग के फैसले में दखल देना नहीं चाहता।

इस सीट से पश्चिम बंगाल की मुख्यमत्री ममता बनर्जी चुनाव लड़ रही हैं।

हालांकि अदालत ने राज्य के मुख्य सचिव एच के द्विवेदी द्वारा ‘‘संवैधानिक संकट’’ को टालने के नाम पर शीघ्र उपचुनाव कराने का अनुरोध करते हुए चुनाव आयोग को पत्र भेजने पर उनकी खिंचाई की और माना कि वह खुद को ‘ जनसेवक से कहीं अधिक सत्तासीन राजनीतिक दल के सेवक के रूप में’ पेश कर रहे हैं।

याचिकाकर्ता फयान सिन्हा ने मुख्यसचिव की ‘गुमराहपूर्ण’ बातों पर चुनाव आयोग द्वारा उपचुनाव कराने का निर्णय खारिज करने के लिए जनहित याचिका दायर की थी।

अतिरिक्त मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति आर भारद्वाज की एक खंडपीठ ने चुनाव आयाग को पत्र लिखने पर मुख्य सचिव के आचरण पर ‘कड़ा ऐतराज’ जताया।

उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा, ‘‘ चूंकि चुनाव की प्रक्रिया 04 सितंबर, 2021 को प्रेसनाोट जारी करने के साथ शुरू हो गयी और अब मतदान 30 सितंबर, 2021 को कराया जाना है तो हम इस पड़ाव पर भवानीपुर निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव कराने के चुनाव आयोग के फैसले में दखल देना उपयुक्त नहीं पाते।’’

(मुख्य सचिव के) पत्र पर ऐतराज जताते हुए पीठ ने कहा कि मुख्य सचिव जनसेवक हैं जिन्हें कानून के प्रावधानों के अनुसार अपना कर्तव्य निर्वहन करना है , चाहे कोई भी सत्ता में हो।

पीठ ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा जारी प्रेस नोट का अनुच्छेद छह दर्शाता है कि आयोग को मुख्य सचिव की ओर से दी गयी सूचना तथ्यों के विपरीत है।

उसने कहा कि पत्र के माध्यम से चुनाव आयोग को गुमराह किया गया कि राज्य में कोविड-19 नियंत्रण में हैं जबकि इस महामारी के चलते पाबंदियां 30 सितंबर तक बढ़ा दी गयी हैं।

अदालत ने कहा कि चुनाव आयोग को बाढ़ के बारे में भी गुमराह किया गया क्योंकि यह सर्वविदित है कि राज्य में अत्यधिक वर्षा हुई है।

पीठ ने कहा, ‘‘ भले ही ऐसा हो, लेकिन सबसे अप्रिय भाग मुख्य सचिव का आचरण है जिन्होंने जनसेवक से कहीं अधिक अपने आप को सत्तासीन राजनीतिक दल के सेवक के रूप में पेश किया और कहा कि यदि भवानी पर में चुनाव नहीं कराया जाता है तो संवैधानिक संकट उठ खड़ा होगा, इस सीट से प्रतिवादी नंबर 5 (ममताबनर्जी) चुनाव लड़ना चाहती हैं।’’

पीठ ने आश्चर्य के साथ कहा, ‘‘ एक व्यक्ति के चुनाव हार जाने या जीत जाने से सरकार के सामने कौन सा संवैधानिक संकट आ सकता है, यह नहीं बताया गया।’’

अदालत ने कहा , ‘‘‘ कैसे मुख्य सचिव जानते थे कि प्रतिवादी नंबर पांच भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने वाली हैं ? वह पार्टी के प्रवक्ता या निर्वाचन अधिकारी तो थे नहीं। ’’

खंडपीठ ने कहा कि अधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए नहीं थे कि कोई खास व्यक्ति सत्ता में आना चाहिए और उसकी गैर हाजिरी में ‘‘संवैधानिक संकट’’ पैदा हो जाएगा।

अदालत ने कहा कि कई ‘व्यापक मुद्दों’ पर गौर करने के लिए इस याचिका को अब 17 नवंबर सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाए।

अदालत ने 24 सितंबर को कहा था कि भवानीपुर निर्वाचन क्षेत्र के एक निर्वाचित सदस्य (तृणमूल कांग्रेस के विधायक सोवनदेब चट्टोपाध्याय) से इस्तीफा दिलाया गया ताकि यह सीटी बनर्जी के चुनाव लड़ने के लिए खाली हो जाए।

उसने कहा कि इस (चुनाव/उपचुनाव) को लेकर सरकारी खजाने पर करोड़ों रूपये का बोझ आता है , ऐसी स्थिति में इस तरह के मामलों पर फैसला सत्तासीन लोगों की मन-मर्जी पर नहीं छोड़ा जाना चाहिए।

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Web Title: Petition related to Bhawanipur by-election dismissed, by-elections will be held on the due date only

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