अभियोजकों की नियुक्ति के वास्ते याचिका: अदालत ने दिल्ली सरकार के सचिव को हलफनामा दाखिल करने को कहा

By भाषा | Updated: July 12, 2021 16:58 IST2021-07-12T16:58:19+5:302021-07-12T16:58:19+5:30

Petition for appointment of prosecutors: Court asks Delhi government secretary to file affidavit | अभियोजकों की नियुक्ति के वास्ते याचिका: अदालत ने दिल्ली सरकार के सचिव को हलफनामा दाखिल करने को कहा

अभियोजकों की नियुक्ति के वास्ते याचिका: अदालत ने दिल्ली सरकार के सचिव को हलफनामा दाखिल करने को कहा

नयी दिल्ली, 12 जुलाई दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार को यह सूचित करने का सोमवार को निर्देश दिया कि वह यहां निचली अदालतों के लिए और अतिरिक्त लोक अभियोजकों (एपीपी) की नियुक्ति के लिए आवेदन आमंत्रित करने संबंधी सार्वजनिक नोटिस कब जारी करेगी।

उच्च न्यायालय ने कहा कि यह प्रक्रिया पिछले छह महीने से चल रही है और पूछा कि क्या बिना एपीपी के आपराधिक मामले की सुनवाई की जा सकती है। अदालत ने कहा, ‘‘एक अदालत में कम से कम दो एपीपी की आवश्यकता होती है। जब भी कोई नया न्यायालय बनाया जाता है, तो एपीपी के पद का भी सृजन किया जाना चाहिए। दो एपीपी स्वीकृत होने जरूरी हैं अन्यथा न्यायाधीश या बचाव पक्ष के वकील अभियोजक के बिना क्या करेंगे?

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने कहा, ‘‘यदि नियमित प्रक्रिया में समय लगता है, तो आप (दिल्ली सरकार) तुरंत विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) नियुक्त करें।’’

उच्च न्यायालय दिल्ली अभियोजक कल्याण संघ की एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें राष्ट्रीय राजधानी में एपीपी के पदों का सृजन करने और फिर उन्हें 55 फास्ट-ट्रैक और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण करने संबंधी (पोक्सो) अधिनियम की अदालतों में नियुक्त करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

पीठ ने कहा, ‘‘हम दिल्ली सरकार के सचिव (गृह) को अगली तारीख को या उससे पहले हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देते हैं।’’ अदालत ने सरकार से एपीपी के लिए आवेदन आमंत्रित करने संबंधी सार्वजनिक नोटिस जारी करने का कम से कम संभावित समय बताने को भी कहा ताकि काम जल्द से जल्द पूरा किया जा सके।

अदालत ने मामले को अगली सुनवाई के लिए 26 जुलाई को सूचीबद्ध किया।

संघ का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता आशीष मोहन ने अदालत को सूचित किया कि पहले अभियोजन निदेशालय (डीओपी) के आदेश के अनुसार एपीपी के 73 पद सृजित किए जाने थे, हालांकि, अब दिल्ली सरकार द्वारा दाखिल की गई स्थिति रिपोर्ट में कहा गया है कि पद घटाकर 18 कर दिये गये है।

संघ ने अधिवक्ता कुशल कुमार, आदित्य कपूर, हर्ष आहूजा और आकाशदीप गुप्ता के माध्यम से दाखिल अपनी याचिका में कहा है कि उच्चतम न्यायालय ने 2019 में प्रत्येक जिले में विशेष पॉक्सो अदालतें स्थापित करने का निर्देश दिया था, जहां पॉक्सो अधिनियम के तहत 100 से अधिक मामले हैं।

इस पर, दिल्ली सरकार की स्थिति रिपोर्ट में कहा गया है कि कानून और न्याय मंत्रालय के सितंबर 2019 के पत्र में उल्लेख किया गया है कि राष्ट्रीय राजधानी में बलात्कार और पोक्सो अधिनियम के मामलों के लंबित होने के आधार पर, कुल 16 फास्ट ट्रैक विशेष अदालतों को स्थापित करने का प्रस्ताव है।

दिल्ली सरकार के स्थायी वकील संतोष कुमार त्रिपाठी के माध्यम से दाखिल रिपोर्ट में कहा गया है कि पहले दो प्रस्ताव प्रशासनिक सुधार विभाग को एपीपी के 73 पद सृजित करने के लिए भेजे गए थे, लेकिन इसे इस आधार पर डीओपी को वापस कर दिया गया कि इन्हें उचित नहीं पाया गया है।

प्रशासनिक सुधार विभाग ने कहा था कि पॉक्सो और फास्ट ट्रैक विशेष अदालतों में दो एपीपी तैनात करने के लिए प्रशासनिक विभाग की दलील अनुचित लगती है। इसके बाद, डीओपी ने एपीपी के 18 पदों के सृजन के लिए एक संशोधित प्रस्ताव के साथ फाइल को फिर से जमा किया था और यह प्रशासनिक सुधार विभाग में प्रक्रियाधीन है।

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Web Title: Petition for appointment of prosecutors: Court asks Delhi government secretary to file affidavit

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