नयी दिल्ली, 27 अप्रैल दिल्ली उच्च न्यायालय ने वाहन कबाड़ दिशानिर्देशों को चुनौती देने वाली एक याचिका पर केंद्र और आम आदमी पार्टी सरकार को मंगलवार को नोटिस जारी किये। याचिका में कहा गया है कि नए नियमों के तहत लाइसेंस लेने की जरूरत से छोटे और सीमांत कबाड़ कारोबारी इसके दायरे में नहीं आ पाएंगे।
याचिका में कहा गया कि दिल्ली सरकार का दिशानिर्देश “छोटे और अर्ध-औपचारिक आटोमोबाइल कबाड़ कारोबारियों के बेहद खिलाफ है” जो पीढ़ियों से इस करोबार में लगे हुए हैं।
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने केंद्र के पर्यावरण एवं परिवहन मंत्रालय के साथ ही दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर दिल्ली के रहने वाले इंद्रजीत सिंह की याचिका पर उनका पक्ष पूछा है। याचिकाकर्ता का दावा है कि दिल्ली मोटर वाहन कबाड़, 2018 दिशानिर्देश जारी करने से पहले छोटे कारोबारियों से राय नहीं ली गई।
याचिका में यह भी दावा किया गया है कि 2018 के दिशानिर्देश “असंवैधानिक, मनमाने और अनुचित” हैं तथा मोटर वाहन अधिनियम के विपरीत हैं क्योंकि इसके तहत सिर्फ केंद्र को ही वाहन और उसके पुर्जों के रीसाइक्लिंग करने की शक्ति दी गई है।
याचिका में इन दिशानिर्देशों को शून्य घोषित करने का आदेश देने का अनुरोध किया गया है।
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