प्रयागराज, 10 मार्च इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री (सूचना प्रौद्योगिकी विभाग) अजीत पाल सिंह के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका बुधवार को खारिज कर दी।
अजीत पाल सिंह वर्ष 2017 में कानपुर देहात के सिकंदरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। वह इस चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार थे।
समाजवादी पार्टी (सपा) की उम्मीदवार सीमा सचान द्वारा दायर की गयी चुनाव याचिका खारिज करते हुए न्यायमूर्ति डीके सिंह-1 ने कहा, “याचिकाकर्ता के वकील यह साबित करने में विफल रहे कि चुनाव अधिकारी द्वारा चुनाव एजेंटों को आवश्यक दस्तावेज की प्रति उपलब्ध नहीं कराने से कैसे निर्वाचन का परिणाम प्रभावित हुआ।”
अदालत ने कहा, “यह भी संज्ञान में आया है कि जीत हार का अंतर बहुत भारी है क्योंकि विजयी उम्मीदवार ने इस चुनाव में 73,325 मत प्राप्त किए, जबकि याचिकाकर्ता को महज 61,455 मत मिले। इसलिए परिणाम में 10,000 से अधिक मतों का अंतर साफ दिखता है।”
याचिकाकर्ता के वकील की दलील थी कि चुनाव अधिकारी ने एजेंटों को आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराके जन प्रतिनिधि कानून के आवश्यक प्रावधानों के खिलाफ काम किया है। इसके अलावा, विजयी उम्मीदवार का निर्वाचन ईवीएम में अनुचित मिले मतों की वजह से प्रभावित किया गया है। ईवीएम के सील मतगणना के समय खुले पाए गए थे।
हालांकि, इस चुनाव याचिका का विरोध करते हुए निर्वाचित उम्मीदवार के वकील भरत पाल सिंह ने कहा कि इस याचिका में कोई दम नहीं है और इसे खारिज किया जाना उचित है।
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