जीपीआरए कॉलोनियों के पुनर्विकास के संबंध में पेड़ों की कटाई के खिलाफ याचिका विचारणीय नहीं: अधिकरण
By भाषा | Updated: July 27, 2021 16:31 IST2021-07-27T16:31:39+5:302021-07-27T16:31:39+5:30

जीपीआरए कॉलोनियों के पुनर्विकास के संबंध में पेड़ों की कटाई के खिलाफ याचिका विचारणीय नहीं: अधिकरण
नयी दिल्ली, 27 जुलाई राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने राष्ट्रीय राजधानी में सामान्य पूल आवासीय गृहों (जीपीआरए) कॉलोनियों के पुनर्विकास की परियोजना के संबंध में पेड़ों की कटाई के खिलाफ एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है।
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि आवेदक पहले ही इसी विषय पर याचिका दाखिल कर चुका है और उसी मामले में दूसरी याचिका विचारणीय नहीं है।
अधिकरण ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय के उस फैसले को ध्यान में रखते हुए, जिसमें माना गया था कि भले ही तकनीकी रूप से उच्च न्यायालय ने नौरोजी नगर की परियोजना को निपटाया हो, लेकिन उक्त परियोजना जीपीआरए पुनर्विकास परियोजना का अभिन्न अंग थी।
पीठ ने कहा, ‘‘इस प्रकार यह स्पष्ट है कि अधिकरण ने पहले ही यह विचार कर लिया है कि मामले को दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा निपटाया जा रहा है, अधिकरण का कोई और आदेश उसी के विपरीत होगा और इसकी अनुमति नहीं है।’’
अधिकरण सामान्य पूल आवासीय गृहों (जीपीआरए) कॉलोनियों के पुनर्विकास की परियोजना के संबंध में पेड़ों की कटाई के खिलाफ संस्कृति, विरासत, पर्यावरण, परंपराओं के संरक्षण और राष्ट्रीय जागरूकता के बढ़ावा देने के लिए एनजीओ सोसायटी द्वारा दाखिल एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था।
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