पीटर मुखर्जी ने लिखा संस्मरण, कहा: विवाद खड़ा करना, इरादा नहीं है

By भाषा | Updated: February 14, 2021 17:42 IST2021-02-14T17:42:05+5:302021-02-14T17:42:05+5:30

Peter Mukerji wrote memoir, said: to create controversy, not intended | पीटर मुखर्जी ने लिखा संस्मरण, कहा: विवाद खड़ा करना, इरादा नहीं है

पीटर मुखर्जी ने लिखा संस्मरण, कहा: विवाद खड़ा करना, इरादा नहीं है

नयी दिल्ली, 14 फरवरी संकट में घिरे मीडिया कारोबारी पीटर मुखर्जी ने अपना संस्मरण लिखा है जिसके बारे में उनका कहना है कि यह सेटेलाईट टेलीविजन उद्योग में उनके अनुभवों का महज स्मृति संग्रह है और उसका इरादा न तो कोई विवाद खड़ा करना है और न ही कोई गोपनीय बातें सामने लाना नहीं है।

स्टार इंडिया के पूर्व कार्यकारी प्रमुख ने कहा, ‘‘ इसका इरादा विशुद्ध रूप से करीब तीन दशक के अपने सफर को साझा करना, इस दौरान की गयी ढेरों गलतियों और बहुत से सबकों को सामने लाना है।’’

मीडिया मुगल रूपर्ट मर्डोक के कभी राइट हैंड रहे मुखर्जी की पुस्तक ‘ स्टारस्ट्रक्: कंफेशंस ऑफ ए टीवी एक्जक्यूटीव’ भारतीय टेलीविजन उद्योग की कहानी है।

मुखर्जी ने कहा, ‘‘यह पुस्तक संस्मरण है। उससे ज्यादा कुछ नहीं। यह भारत में सेटेलाइट टेलीविजन के प्रारंभिक वर्षों के सबसे कठिन दौर और तेजी से बदलते मीडिया परिदृश्य में अपनी स्मृतियों का संग्रह है। इसका इरादा न तो कोई विवाद खड़ा करना है और न ही कोई गोपनीय बात सामने लाना है। ’’

वह लिखते हैं, ‘‘ इसका इरादा विशुद्ध रूप से करीब तीन दशक के अपने सफर को साझा करना, इस दौरान की गयी ढेरों गलतियों और ढेर सारे सबकों को सामने लाना है।’’

नब्बे के दशक का प्रारंभ ‘‘ बेवाच’’ से लेकर ‘‘चीयर्स’’ और फिर ‘‘ दे जेरी स्प्रिंगर शो’ तक अमेरिकी टीवी का वर्चस्व का प्रतीक था। लेकिन वह सोच भारत में काम नहीं आ रही थी जहां एक अरब टीवी दर्शकों तक पहुंच पर सशक्त स्थलीय नेटवर्क का दबदबा था।

एक बड़ा मौका भांपते हुए मर्डोक ने मुखर्जी को भारत में मामूली विदेशी स्वामित्व वाले टीवी चैनल को दुनिया में सबसे बड़े चैनलों में एक बनाने का असंभव सा जान पड़ने वाला कार्य सौंपा। मुखर्जी ने घाटे में चल रहे स्टार टीवी को अरबों डॉलर का नेटवर्क बनाने में अहम भूमिका निभायी।

मुखर्जी के अनुसार न तो स्टार संस्थापक रिचर्ड ली और न ही मर्डोक भारत को अपने कारोबारी मॉडल के लिए उपयुक्त बाजार समझते थे।

वह लिखते हैं, ‘‘भारत को अहम बाजार के रूप में लेना बिल्कुल नयी बात थी और हम उनके पास आ गये ... भारतीय उपभोक्ता तेजी से बदल रहा था और टेलीविन इस बदलाव का बड़ा वाहक था। टेलीविजन और अंतरराष्ट्रीय सामग्री तक आसान पहुंच का मतलब उनके सेटों से उपभोक्ताओं का चिपका रहना था।

वेस्टलैंड द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक में इसका भी जिक्र है कि कैसे अमिताभ बच्चन को ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के प्रस्तोता के रूप में लिया गया।

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Web Title: Peter Mukerji wrote memoir, said: to create controversy, not intended

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