नयी दिल्ली, 28 मई पशुओं के अधिकार के लिए काम करने वाले संगठन पेटा ने अमूल से ‘वीगन मिल्क’ या पौधों से बनाए जाने वाले दूध के उत्पादन की तरफ बढ़ने को कहा है।
अमूल के प्रबंध निदेशक आर एस सोढ़ी को एक पत्र में पीपल फॉर एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल (पेटा) ने कहा कि डेयरी सहकारी सोसाइटी को लोकप्रिय हो रहे वीगन खाद्य और दुग्ध बाजार से फायदा लेना चाहिए।
पेटा इंडिया ने कहा, ‘‘हम संयंत्र आधारित उत्पादों की मांग पर ध्यान देने के बजाए अमूल को फलते-फूलते शाकाहारी भोजन और दूध के बाजार से लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहेंगे। कई और कंपनियां भी बाजार में बदलाव के हिसाब से काम कर रही हैं और अमूल को भी ऐसा ही करना चाहिए।’
सोढ़ी ने स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह-समन्वयक अश्विनी महाजन के एक ट्वीट को रीट्वीट किया है। इस ट्वीट में लिखा है, ‘‘क्या आप नहीं जानते कि ज्यादातर डेयरी किसान भूमिहीन हैं। इस विचार को लागू करने से कईयों की आजीविका का स्रोत खत्म हो जाएगा। ध्यान रहे दूध हमारे विश्वास में है, हमारी परंपराओं में, हमारे स्वाद में, हमारे खाने की आदतों में पोषण का एक आसान और हमेशा उपलब्ध स्रोत है।’’
अमूल भारतीय डेयरी सहकारी सोसाइटी है जिसका प्रबंधन गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन करता है।
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