टीका निर्माण क्षमता को बाधित करने वाले लोगों पर ‘हत्या’ का आरोप लगाया जाना चाहिए:अदालत

By भाषा | Updated: June 2, 2021 22:39 IST2021-06-02T22:39:14+5:302021-06-02T22:39:14+5:30

People who disrupt vaccine manufacturing capacity should be charged with 'murder': Court | टीका निर्माण क्षमता को बाधित करने वाले लोगों पर ‘हत्या’ का आरोप लगाया जाना चाहिए:अदालत

टीका निर्माण क्षमता को बाधित करने वाले लोगों पर ‘हत्या’ का आरोप लगाया जाना चाहिए:अदालत

नयी दिल्ली, दो जून दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 के टीके बनाने की क्षमता को बाधित कर रहे अधिकारियों पर "नरसंहार" का आरोप लगाया जाना चाहिए, क्योंकि इस वजह से कई मौतें हुई हैं। अदालत ने कहा कि भारत में बहुत गुंजाइश और बुनियादी ढांचा उपलब्ध है जिसका उपयोग नहीं किया जा रहा है।

अदालत ने कहा कि टीका निर्माण के लिए तत्काल कुछ सख्त कदम की जरूरत है जो " भय की मनोविकृति " के कारण गायब है और यह क्षमता विदेशियों के हाथों में नहीं जानी चाहिए। न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति नाजमी वजीरी की पीठ ने कहा, “समस्या भय की मनोविकृति है कि सतर्कता जांच होगी, ऑडिट होगा, पुलिस जांच होगी। उन्हें बताएं, यह समय इन जांचों और ऑडिट रिपोर्ट से घबराने का नहीं है। इस वजह से आज मौतें हो रही हैं। वास्तव में इस अप्रयुक्त क्षमता को दबा कर बैठने के लिए कुछ लोगों पर हत्या का आरोप लगाया जाना चाहिए।”

अदालत ने कहा कि केंद्र पैनेसिया बायोटेक के नमूनों को मंजूरी की प्रक्रिया तेज करे जो ‘रशियन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड’ (आरडीआईएफ) के सहयोग से यहां स्पूतनिक वी टीके का निर्माण कर रहा है।

पीठ ने कहा कि यदि टीके को बड़े पैमाने पर जनता को लगाने की इजाजत दे दी गई है , तो सरकार को केवल यह देखने की आवश्यकता है कि इस कंपनी द्वारा उत्पादित किए जा रहे नमूने मौजूदा मानकों के अनुरूप हैं।

उन्होंने कहा, “आयातित टीके के संबंध में ब्रिज परीक्षण किया जाना चाहिए था। आपने आयातित टीके के लिए इसे खत्म कर दिया है। घरेलू निर्माता के लिए क्यों जोर देते हैं जबकि विदेशों में निर्माता के लिए जोर नहीं देते हैं ?”

केंद्र की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल बलबीर सिंह ने कहा कि पैनेसिया कोविड-19 टीके के उत्पादन से बहुत दूर है क्योंकि यह प्राधिकरण से मंजूरी के लिए लंबित है और यह नहीं कह सकते हैं कि कंपनी के पास टीके के निर्माण के लिए धन की कमी है, क्योंकि उसे आरडीआईएफ से पहले से धन मिल रहा है।

उन्होंने यह भी कहा कि स्पूतनिक सहित टीके की खरीद और निर्माण के मुद्दे उच्चतम न्यायालय के समक्ष लंबित हैं और इस कारण अदालत को मौजूदा आवेदन पर कोई आदेश पारित नहीं करना चाहिए।

सिंह ने कहा कि कंपनी टीके के वाणिज्यिक उत्पादन से एक महीने दूर है और प्रभावकारिता का परीक्षण संकलित किया जाना है क्योंकि औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम में इसकी छूट नहीं है।

उच्च न्यायालय दिल्ली की पैनेसिया बायोटेक कंपनी की याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसने कोई बीच का फैसला देने की अपील की थी क्योंकि यह पहले उसके पक्ष में और केंद्र के खिलाफ पारित किया गया था । कंपनी ने कहा कि उसे मानवता के व्यापक हित में जल्द से जल्द धन की आवश्यकता है क्योंकि उसने आरडीआईएफ के सहयोग से पहले ही कोविड स्पूनिक वी के परीक्षण बैचों का निर्माण किया है तथा और बैचों के निर्माण की प्रक्रिया चल रही है।

पीठ ने कहा, “भारत में टीके के निर्माण के लिए बहुत गुंजाइश और बुनियादी ढांचा है जिसका इस्तेमाल नहीं हो रहा है और यह एक ऐसा कारक है जिस पर आपको (केंद्र को) विचार करना चाहिए। आप ध्यान दें कि इस अप्रयुक्त क्षमता का उपयोग हो। आप इस क्षमता को अप्रयुक्त नहीं छोड़ सकते। विदेशी यहां आ रहे हैं, ये उनके हाथों में नहीं जानी चाहिए। आपके अधिकारियों को इसका एहसास नहीं है।”

पीठ ने कहा कि टीकाकरण की कमी के कारण जिन लोगों की जान चली गई, उनके बारे में क्या कहेंगे? पीठ ने केंद्र से तेजी से कार्रवाई करने को कहा।

अदालत ने अभिवेदन सुनने के बाद मामले को आदेश पारित करने के लिए चार जून को सूचीबद्ध कर दिया।

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Web Title: People who disrupt vaccine manufacturing capacity should be charged with 'murder': Court

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