लाइव न्यूज़ :

Coronavirus: लॉकडाउन के कारण प्रयागराज में फंसे अस्थि विसर्जन, पिंड दान करने आएं लोग

By भाषा | Updated: April 10, 2020 20:43 IST

प्रयागराज में दिवंगत व्यक्ति की आत्मा की शांति के लिए अस्थि विसर्जन और पिंडदान जैसे अंतिम संस्कारों के लिए आए लोग अब यहां कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन की वजह से फंस गए हैं। ऐसे में लोग अपने घरों को वापस नहीं जा पा रहे हैं।

Open in App
ठळक मुद्देअसम के रांगिया से पिंडदान करने प्रयागराज आया 27 लोगों का समूह भी बंद के कारण यहां फंस गया है।कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए पूरे देश में लागू बंद ने अस्थि विसर्जन पर भी विराम लगा दिया है।

प्रयागराज: दिवंगत व्यक्ति की आत्मा की शांति के लिए अस्थि विसर्जन और पिंडदान जैसे मृत्यु संस्कारों के लिए यहां आए लोग देशभर में लागू लॉकडाउन के कारण प्रयागराज में फंस गए हैं। झारखंड से अस्थि विसर्जन करने यहां आए एक परिवार के लोग बंद के कारण यहीं फंस गए जिसके कारण उनके परिवार के अन्य लोगों ने उनके घर में 13वीं के भोज का आयोजन किया। झारखंड में बोकारो के रहने वाले कपिल देव महली ने बताया, 'अस्थि विसर्जन करने के अगले ही दिन बंद लागू हो गया जिसके कारण हम यहीं फंस गए। हमने परिवार के अन्य लोगों को फोन पर अस्थि विसर्जन की सूचना दी और उन्होंने वहां तेरहवीं के भोज का आयोजन किया।' 

इसी तरह, असम के रांगिया से पिंडदान करने प्रयागराज आया 27 लोगों का समूह भी बंद के कारण यहां फंस गया है। रांगिया से आए सुनील राय ने बताया, 'हम गांव वापस जाकर लोगों को भोज देंगे। इस समय पूरे देश में संकट आया है, इसलिए हम भी मजबूर हैं। हालांकि हमारे तीर्थ पुरोहित ने हम सभी के रहने और खाने का पूरा इंतजाम कर रखा है और हमें किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है।' तीर्थ पुरोहित श्रवण कुमार शर्मा ने बताया कि जनता कर्फ्यू के बाद ही बड़ी संख्या में यजमान विमानों से अपने-अपने शहर चले गए थे, लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर करीब 50 लोग ट्रेनें बंद होने के कारण वापस नहीं जा सके और उनके रहने-खाने की व्यवस्था तीर्थ पुरोहित कर रहे हैं। 

इनमें असम, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ के लोग शामिल हैं। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए पूरे देश में लागू बंद ने अस्थि विसर्जन पर भी विराम लगा दिया है। कोरोना वायरस से निपटने के लिए लागू किए गए बंद के कारण सनातन हिंदू धर्म के लोग धैर्य का परिचय दे रहे हैं और उन्होंने अपने मृत परिजनों के अस्थि कलश बंद खुलने तक पेड़ों पर टांग दिए हैं। राधा कृष्ण निशान वाले झंडे के तीर्थ पुरोहित श्रवण कुमार शर्मा ने बताया कि भारत में अस्थि विसर्जन के लिए प्रयागराज का विशेष महत्व है और पंजाब, जम्मू कश्मीर, हरियाणा एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश को छोड़कर पूरे देश से लोग यहां अस्थि विसर्जन के लिए आते हैं।

टॅग्स :कोरोना वायरसप्रयागराजकोरोना वायरस लॉकडाउन
Open in App

संबंधित खबरें

क्राइम अलर्टहर्ष होटल के पास पत्रकार लक्ष्मी नारायण सिंह उर्फ पप्पू की धारदार हथियार से हत्या, पुलिस मुठभेड़ के बाद आरोपी विशाल हरिजन अरेस्ट

भारतदुष्कर्म पीड़िता और बच्चे डीएनए की जांच के गंभीर सामाजिक परिणाम होंगे, इलाहाबाद उच्च न्यायालय का अहम फैसला

क्राइम अलर्ट180 दिन पहले इंस्टाग्राम पर पाकिस्तान में 11वीं पढ़ रहे छात्र से दोस्ती, मिलने के लिए नवादा से निकली 10वीं की छात्रा, प्रयागराज रेलवे स्टेशन से बरामद

भारतधारा 82 के तहत नोटिस जारी और फरार, अग्रिम जमानत पाने का हकदार नहीं, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कानपुर नगर परिषद के सदस्य प्रदीप मिश्रा की अग्रिम जमानत की खारिज

भारतविवाह प्रमाण पत्र केवल साक्ष्य, शादी को अवैध नहीं कह सकते?, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने दिया अहम फैसला

भारत अधिक खबरें

भारतगोवा के नाइट क्लब में सिलेंडर विस्फोट में रसोई कर्मचारियों और पर्यटकों समेत 23 लोगों की मौत

भारतEPFO Rule: किसी कर्मचारी की 2 पत्नियां, तो किसे मिलेगी पेंशन का पैसा? जानें नियम

भारतरेलवे ने यात्रा नियमों में किया बदलाव, सीनियर सिटीजंस को मिलेगी निचली बर्थ वाली सीटों के सुविधा, जानें कैसे

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?