पहलू खान हत्या मामला: राजस्थान हाई कोर्ट ने पहलू खान और उनके बेटों पर दर्ज FIR को रद्द करने का दिया आदेश
By विनीत कुमार | Updated: October 30, 2019 17:40 IST2019-10-30T17:22:13+5:302019-10-30T17:40:09+5:30
पहलू खान को 1 अप्रैल, 2017 को गोतस्करी के आरोप में भीड़ द्वारा जयपुर-दिल्ली हाईवे पर पीटा गया था। वह जयपुर से कुछ मवेशी खरीदकर घर लौट रहे थे।

पहलू खान, उनके दो बेटों के खिलाफ एफआईआर रद्द (फाइल फोटो)
राजस्थान हाई कोर्ट ने भीड़ द्वारा पीट-पीट कर मारे गये पहलू खान के खिलाफ गोतस्वरी के मामले में एफआईआर और चार्जशीट को रद्द करने का आदेश दिया है। साथ ही कोर्ट ने पहलू खान के दो बेटों और गाड़ी के ड्राइवर के खिलाफ एफआईआर सहित चार्चशीट को रद्द करने को कहा है। यह मामला साल 2017 का है।
पहलू खान को 1 अप्रैल, 2017 को गोतस्करी के आरोप में भीड़ द्वारा जयपुर-दिल्ली हाईवे पर पीटा गया था। वह जयपुर से कुछ मवेशी खरीदकर घर लौट रहे थे। इस घटना के दो दिन बाद 3 तारीख को पहलू खान की बुरी तरह लगी चोटों के कारण मौत हो गई थी।
इस मामले में पुलिस ने पहलू खान की हत्या करने के मामले में भी कुछ लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किये थे लेकिन सबूतों के अभाव में सभी बरी हो गये। वहीं, आरोपियों की ओर से भी पहलू खान, उनके बेटों और ट्रक के ड्राइवर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी।
जस्टिस पंकज भंडारी की एकल पीठ ने ‘राजस्थान गोवंश संरक्षण कानून’ और अन्य धाराओं के तहत चारों के खिलाफ दर्ज मामले और आरोप पत्र को रद्द करते हुए कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं है जो रेखांकित करता हो कि गायों को वध के लिए ले जाया जा रहा था।
अदालत ने यह फैसला ट्रक चालक खान मोहम्मद और पहलू खान के दो बेटों की ओर से दायर याचिका पर सुनाया। आरोपियों की ओर से पेश वकील कपिल गुप्ता ने कहा कि आपराधिक मामला कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है क्योंकि ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे साबित हो कि गायों को वध के लिए ले जाया जा रहा था। गुप्ता ने दावा किया कि चिकित्सा विशेषज्ञों ने साबित किया था कि गायें दुधारू थीं और उनके बछड़े केवल एक महीने के थे। उन्होंने कहा कि स्थानीय बाजार से गायों को खरीदा गया, यह साबित करने के लिए उनके पास रसीद भी थी।
Pehlu Khan case: Rajasthan High Court has ordered to dismiss the FIR and charge-sheet against Pehlu Khan, his two sons and the driver of the vehicle. pic.twitter.com/pXOrfsvjj3
— ANI (@ANI) October 30, 2019
बता दें कि राजस्थान सरकार ने पहलू खान लिंचिंग मामले में अलवर की एक अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। अदालत ने इस मामले में सभी छह आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था। अलवर के बहरोड़ में एक अप्रैल 2017 को कुछ लोगों ने गौ तस्करी के संदेह में पहलू खान और उनके बेटे की बुरी तरह पिटाई की थी।
अलवर के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने मामले में शामिल सभी छह आरोपियों विपिन यादव, रविन्द्र कुमार, कालूराम, दयानंद, योगेश कुमार और भीम राठी को संदेह का लाभ देते हुए 14 अगस्त, 2019 को बरी कर दिया था।
अगस्त में निचली अदालत के फैसले के बाद, राज्य सरकार ने जांच में त्रुटियों और अनियमितताओं की पहचान करने और व्यक्तिगत अधिकारियों पर जांच को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी तय करने के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था। एसआईटी ने सितंबर में पुलिस महानिदेशक को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।