पेगासस विवाद : उच्चतम न्यायालय ने केंद्र को जवाब दाखिल करने के लिए और समय दिया

By भाषा | Updated: September 7, 2021 13:08 IST2021-09-07T13:08:10+5:302021-09-07T13:08:10+5:30

Pegasus controversy: Supreme Court gives more time to Center to file reply | पेगासस विवाद : उच्चतम न्यायालय ने केंद्र को जवाब दाखिल करने के लिए और समय दिया

पेगासस विवाद : उच्चतम न्यायालय ने केंद्र को जवाब दाखिल करने के लिए और समय दिया

नयी दिल्ली, सात सितंबर उच्चतम न्यायालय ने कथित पेगासस जासूसी मामले की स्वतंत्र जांच के अनुरोध वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए केंद्र को अपना जवाब दाखिल करने के लिए कुछ और समय दिया है और मामले में अगली सुनवाई के लिए 13 सितंबर की तारीख तय की।

प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने 17 अगस्त को इन याचिकाओं पर केंद्र को नोटिस जारी किया था, वहीं यह स्पष्ट किया था कि अदालत नहीं चाहती कि सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने वाली किसी भी चीज का खुलासा करे। पीठ में न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस भी शामिल हैं।

जैसे ही मामला पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आया, केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि कुछ कठिनाइयों के कारण पीठ द्वारा मांगा गया हलफनामा दाखिल नहीं किया जा सका। उन्होंने न्यायालय से बृहस्पतिवार या सोमवार को मामला सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया।

वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा, ‘‘हलफनामे में कुछ कठिनाई है। हमने एक हलफनामा दाखिल किया है, लेकिन आपने (न्यायालय ने) पूछा था कि क्या हम एक और हलफनामा दाखिल करना चाहते हैं, कुछ अधिकारी नहीं थे... क्या यह मामला बृहस्पतिवार या सोमवार को रखा जा सकता है।’’

वरिष्ठ पत्रकार एन राम की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि उन्हें अनुरोध पर कोई आपत्ति नहीं है। पीठ ने कहा, ‘‘इसे सोमवार को सूचीबद्ध किया जाए।’’

अदालत इस मामले की स्वतंत्र जांच का अनुरोध करने वाली एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया की एक याचिका सहित 12 याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। ये याचिकाएं इजरायली कंपनी एनएसओ के स्पाइवेयर पेगासस का उपयोग कर प्रतिष्ठित नागरिकों, नेताओं और पत्रकारों पर सरकारी एजेंसियों द्वारा कथित तौर पर जासूसी करने की रिपोर्ट से संबंधित हैं।

एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठन ने कहा है कि पेगासस स्पाइवेयर का उपयोग कर 300 से अधिक भारतीय मोबाइल फोन नंबरों को निगरानी के लिए संभावित लक्ष्यों की सूची में रखा गया था।

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Web Title: Pegasus controversy: Supreme Court gives more time to Center to file reply

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