मुंबई, 19 जुलाई राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने इजराइली सॉफ्टवेयर पेगासस के जरिए कुछ लोगों के कथित फोन टैपिंग के मामले में सोमवार को जांच कराने और इस कृत्य के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
राकांपा प्रवक्ता और महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि केवल जांच से ही पता चलेगा कि केंद्र सरकार की किस एजेंसी ने पत्रकारों, मंत्रियों और उद्योगपतियों के फोन कथित तौर पर हैक किए। मलिक ने यहां संवाददाताओं से कहा कि पेगासस ने स्पष्ट कर दिया है कि उसने यह सॉफ्टवेयर केवल सरकारों को उपलब्ध कराया है, व्यक्तियों को नहीं।
उन्होंने सवाल किया, ‘‘यदि सॉफ्टवेयर निजी व्यक्तियों को नहीं बेचा गया था तो केंद्र सरकार की किस एजेंसी ने पत्रकारों, मंत्रियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, न्यायाधीशों और उद्योगपतियों के फोन हैक किए ?’’
एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठन ने खुलासा किया है कि केवल सरकारी एजेंसियों को ही बेचे जाने वाले इजराइल के खुफिया जासूसी साफ्टवेयर पेगासस के जरिए भारत के दो केंद्रीय मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, विपक्ष के तीन नेताओं और एक मौजूदा न्यायाधीश सहित बड़ी संख्या में कारोबारियों और अधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर हो सकता है कि हैक किए गए हों। यह रिपोर्ट रविवार को सामने आई है। मलिक ने कहा कि नरेंद्र मोदी नेतृत्व वाली सरकार को यह बताना चाहिए कि क्या कथित फोन टैपिंग निगरानी के लिए की गई थी। उन्होंने कहा कि जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
इससे पहले दिन में, राकांपा की सहयोगी शिवसेना ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को इजराइली स्पाईवेयर पेगासस के जरिए पत्रकारों समेत कई लोगों की कथित जासूसी के मुद्दे पर स्पष्टीकरण देना चाहिए। राउत ने नयी दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि यह दिखाता है कि देश की ‘‘सरकार और प्रशासन कमजोर है।
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