जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने प्रदेश के चर्चित रोशनी घोटाले को लेकर बड़ा बयान दिया है। आज यानी 29 नवंबर को महबूबा मे कहा कि रोशनी एक स्कीम थी, लेकिन उसे अब एक स्कैन की तरह पेश किया जा रहा है। इसके अलावा उन्होंने बीजेपी पर हमला बोला। मुफ्ती ने कहा कि मुझे लगता है कि बीजेपी अपने लिए एक इकोसिस्टम बनाना चाहती है, जिसमें लोकतंत्र की कोई जगह नहीं है।
उन्होंने कहा कि हमारे डीडीसी के चुनाव लड़ने के फैसले के बाद से जम्मू-कश्मीर में उत्पीड़न बढ़ गया है। पीपल्स अलायंस ऑफ गुपकार डेक्लेरेशन के प्रत्याशियों को रोका जा रहा है और उन्हें प्रचार करने नहीं दिया जा रहा है।
वे मुस्लिमों को पाकिस्तानी, सरदारों को खालिस्तानी, ऐक्टिविस्ट्स को अर्बन नक्सल और छात्रों को टुकड़-टुकड़े गैंग और ऐंटी नेशनल बुलाते हैं। मुझे ये समझ नहीं आता है कि अगर हर कोई यहां आतंकवादी और देशद्रोही है तो फिर हिंदुस्तानी कौन है।
उन्होंने कहा कि जब तक कश्मीर का मुद्दा सुलझ नहीं जाता, तबतक समस्या बनी रहेगी। जब तक सरकार अनुच्छेद 370 को फिर से लागू नहीं करती, यह समस्या बनी रहेगी। मंत्री आते जाते रहेंगे। केवल इस तरह से सामान्य चुनाव करवा देना कोई समाधान नहीं है।
इसके अलावा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि अब वे मुझे निशाना बना रहे हैं। वो मेरी पार्टी पर बैन लगाना चाहते हैं, क्योंकि मैं आवाज उठाती हूं। मुझे लगातार कहा जा रहा है कि मेरी रिहाई के बाद से ही अनुच्छेद 370 पर चर्चा शुरू हुई है। इसमें मैं क्या कर सकती हूं। महबूबा ने कहा कि मुझे लगता है कि भाजपा अपना ही एक तंत्र स्थापित करना चाहती है, जहां लोकतंत्र के लिए कोई स्थान नहीं होगा।
इससे पहले महबूबा के नजरबंदी पर बवाल मचा। जिसे लेकर जम्मू कश्मीर के चुनाव आयुक्त केके शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को नजरबंद नहीं किया गया है और पुलिस ने उन्हें ''सुरक्षा जोखिम'' के चलते पुलवामा की यात्रा नहीं करने की सलाह दी थी। अधिकारियों ने मुफ्ती को श्रीनगर में अपने आवास पर संवाददाता सम्मेलन आयोजित करने से रोक दिया था। इसके बाद महबूबा मुफ्ती ने दावा किया कि उन्हें नजरबंद किया गया है।
जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनाव के प्रचार से मुफ्ती को दूर किए जाने के चलते पुलिस द्वारा उन्हें नजरबंद किए जाने के सवाल पर शर्मा ने कहा, '' उन्हें नजरबंद नहीं किया गया है।'' उन्होंने कहा कि पुलिस ने भी बयान जारी किया है कि मुफ्ती को नजरबंद नहीं किया गया है। हालांकि पुलिस ने अपने असत्यापित ट्विटर अकाउंट के जरिये कहा कि मुफ्ती को नजरबंद नहीं किया गया है और उन्हें सुरक्षा कारणों से केवल पुलवामा की अपनी यात्रा को स्थगित करने को कहा गया है।