लखनऊ, 24 दिसंबर इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने बजाज हिंदुस्तान शुगर लिमिटेड कंपनी को 31 मार्च 2022 तक गन्ना किसानों के बकाए का पूर्ण भुगतान 15 प्रतिशत सालाना ब्याज की दर के साथ करने का आदेश दिया है ।
यह आदेश न्यायमूर्ति राजन राय व न्यायमूर्ति एसके गुप्ता की खंडपीठ ने गन्ना किसानों की सैकड़ों याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए पारित किया।
याचिका दाखिल करने वाले किसान बजाज हिंदुस्तान के गोला गोकरण नाथ, खम्बर खेङा, पलिया कलां, बरखेङा व मकसूदपुर चीनी मिलों पर अपना गन्ना बेच चुके हैं व उनका भुगतान अब तक नहीं किया गया है।
न्यायालय ने उपरोक्त आदेश पारित करने के साथ ही गन्ना आयुक्त को यह भी आदेश दिया है कि यदि 31 मार्च 2022 तक कंपनी किसानों का भुगतान नहीं कर देती है, तो उसके खिलाफ रिकवरी नोटिस जारी की जाए।
अदालत ने यह भी कहा है कि कंपनी के द्वारा किसानों के भुगतान में बार-बार देरी किए जाने के विषय को भी गंभीरता से देखा जाए।
इसने कहा कि अगले सत्र में कंपनी को एरिया आवंटित करने से पहले भुगतान में देरी किए जाने के पहलू पर भी विचार किया जाए।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।