नागरिकता कानून के बाद अब नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स को लेकर भी बिहार की राजनीति में बेहद उठापटक की स्थिति बनी हुई है। जनता दल यूनाइटेड के नेता दो हिस्सों में बंटे नजर आ रहे हैं। एनपीआर प्रक्रिया को लागू करने की तारीख भले ही डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने बता दी हो लेकिन जदयू के नेता इसको लेकर पूरी तरह से सहमत नजर नहीं आ रहे हैं।
यही वजह है कि जदयू प्रवक्ता पवन कुमार वर्मा ने नीतीश कुमार को पत्र लिखकर प्रदेश में एनआरसी, एनपीआर व सीएए को लागू होने से रोकने का आग्रह किया है।
पवन के वर्मा ने जदयू ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार को लिखे पत्र में कहा कि सीएए-एनआरसी गठबंधन हिंदुओं और मुसलमानों को विभाजित करने और सामाजिक अस्थिरता पैदा करने का सीधा प्रयास है।
इसके अलावा, उन्होंने कहा, "मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि सीएए-एनपीआर-एनआरसी योजना के खिलाफ एक स्टैंड लें और भारत को विभाजित करने के अपने नापाक एजेंडे को खारिज करें।"
बता दें कि बिहार के मंत्री व जदयू के नेता श्याम रजक ने सुशील कुमार मोदी के बयान पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने सवाल पूछने के अंदाज में कहा कि यह फैसला किस कैबिनेट की बैठक में लिया गया? इसके साथ ही श्याम रजक ने कहा कि ऐसी घोषणा तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी को करनी चाहिए, लेकिन सुशील मोदी जी ने कैसे ये घोषणा की, मेरी समझ से बाहर है।