पीएम मोदी ने की 'पाणि राखो आंदोलन' के प्रणेता सच्चिदानंद की तारीफ, कहा- सूखे गांव में उन्होंने 30 हजार तलाब बना दिए

By दीप्ती कुमारी | Updated: June 27, 2021 13:51 IST2021-06-27T13:51:45+5:302021-06-27T13:51:45+5:30

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने 'मन की बात' कार्यक्रम में उत्तराखंड के पाणि राखो आंदोलन के प्रणेता की खूब तारीफ की । उनहोंने अपने इलाके में पानी की समस्या को दूर करने के लिए 30 हजार तलाब बनाएं ।

paurdi garhwal sachidanand bharati made dry hills green or slove water problem in the area | पीएम मोदी ने की 'पाणि राखो आंदोलन' के प्रणेता सच्चिदानंद की तारीफ, कहा- सूखे गांव में उन्होंने 30 हजार तलाब बना दिए

फोटो सोर्स - सोशल मीडिया

Highlightsपीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में उत्तराखंड के सच्चिदानंद भारती की तारीफ की सच्चिदानंद ने उफैंरखाल में जल की समस्या दूर कर दी इसके लिए उन्हें कई पुरस्कारों से भी सम्मानित भी किया गया है

देहरादून :  पीएम मोदी ने अपने 'मन की बात' कार्य़क्रम में टोक्यो ओलंपिक के लिए प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दी । साथ ही उन्होंने सालों से जल संरक्षण के काम में लगे 'पाणि राखो आंदोलन' के प्रणेता सच्चिदानंद भारती के मेहनत और लगन की खूब तारीफ की । दरअसल उत्तराखंड के उफैंरखाल इलाके में पानी की भारी किल्लत थी । लोग एक-एक बूंद के लिए तरसते थे । पेशे से शिक्षक सच्चिदानंद ने इस समस्या को दूर करने की जिम्मेदारी उठाई और लोगों को भी इसके लिए प्रेरित किया । अब स्थिति ये है कि पूरे साल इलाके में पानी की आपूर्ति होती है । 

सच्चिदानंद भारती ने अपने अनोखे तरीके  से पानी को इकट्ठा करने के लिए जगह-जगह छोटी-बड़ी जल तलैया बनाई ।  उस कोशिश से ना सिर्फ पानी की दिक्कत दूर हुई साथ ही उफैंरखाल इलाके में पहाड़िया भी हरी-भरी हो गई । मेहनत और लगन से सच्चिदानंद भारती अब तक 30 हजार से ज्यादा जल तालाब बनवा चुके हैं । आज भी इस काम में पूरी मेहनत के साथ लगे हुए हैं ।

साल 1982 में धातोली लोक विकास संस्थान की स्थापना की गई थी । इस मुहिम के तहत उन्होंने पहाड़ों पर पानी को इकट्ठा करने के लिए छोटी-छोटी जल तलैया बनाई । अपनी इस मुहिम में उन्होंने महिलाओं और युवाओं को भी शामिल किया । सच्चिदानंद भारती ने अपनी मेहनत से सूखी पहाड़ियों पर पानी इकट्ठा करके करीब 40 लाख पौधे लगाएं  । बारिश का पानी जमा  करने के लिए उन्होंने करीब 30,000 छोटे-छोटे गड्ढे बनाएं । उनकी  मेहनत से सूखी पहाड़ी हरी-भरी हो गई। साथ ही पीएम मोदी ने भी अपनी मन की बात कार्य़क्रम में लोगों से मानसून का फायदा उठाते हुए जल संरक्षण पर जोर दिया । 

इस काम के लिए सच्चिदानंद भारती को कई पुरस्कारों से भी नवाजा गया है। साल 2011 में उन्हें उत्तराखंड ग्रीन अवार्ड और 2013 में महात्मा गांधी राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा जा चुका है ।  साल 2015 में उन्हें इंदिरा गांधी पर्यावरण पुरस्कार से सम्मानित किया गया है । इस बड़े काम के लिए उनको अमेरिक इंटरनेशनल फेलोशिप मिल चुकी है ।
 

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