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बिहारः पूर्व मुख्यमंत्रियों को फ्री में आजीवन सरकारी आवास देने पर HC हुआ सख्त, नोटिस जारी कर मांगा जवाब

By एस पी सिन्हा | Updated: January 8, 2019 16:10 IST

प्राप्त जानकारी के अनुसार, पटना हाई कोर्ट ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन बंगला आवंटन कराने वाले कानून की संवैधानिकता पर सवाल उठाया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत तमाम पूर्व मुख्यमंत्रियों, जिन्हें आजीवन आवासीय बंगला आवंटित हुआ है. 

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बिहार के पूर्व मुख्यमंत्रियों को बिना शुल्क आजीवन सरकारी आवास देने के मामले में पटना हाईकोर्ट ने मंगलावार (8 जनवरी) कड़ा ऐतराज जताया है. कोर्ट ने इस संबंध में कार्रवाई करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत सात अन्य सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने नोटिस जारी कर पूछा है कि आखिर पूर्व मुख्यमंत्रियों को सुरक्षा मुहैया कराई जाये तो वे पटना में स्थित अपने निजी आवासों में क्यों नहीं रह सकते? 

प्राप्त जानकारी के अनुसार, पटना हाई कोर्ट ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन बंगला आवंटन कराने वाले कानून की संवैधानिकता पर सवाल उठाया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत तमाम पूर्व मुख्यमंत्रियों, जिन्हें आजीवन आवासीय बंगला आवंटित हुआ है. 

हाईकोर्ट ने नोटिस जारी करने का आदेश देते हुए उनसे चार हफ्ते में जवाब देने को कहा गया है. मामले की सुनवाई अब 11 फरवरी होगी. मुख्य न्यायाधीश एपी शाही की खंडपीठ ने स्वतः दायर हुए जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया. राज्य सरकार की तरफ से जवाबी हलफनामा सूबे के मुख्य सचिव के जरिये दायर करने का आदेश हाईकोर्ट ने दिया है. 

यहां बता दें कि कल ही हाई कोर्ट ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव बंगला विवाद मामले की याचिका खारिज कर दी थी. डबल बेंच कोर्ट ने एकल पीठ के आदेश को बहाल रखा था. 

उल्लेखनीय है कि बिहार सरकार ने एक व्यवस्था के अनुसार राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, राबडी देवी, डॉ.जगन्नाथ मिश्र, जीतन राम मांझी तथा सतीश प्रसाद सिंह को आजीवन सरकारी आवास उपलब्ध कराया है साथ ही उनको अन्य सुविधाएं भी मिली हुई है. पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के सरकारी बंगले पर अपील की बहस के दौरान कोर्ट को बताया गया था कि एक तरफ तेजस्वी यादव को बंगला खाली करने को कहा गया है, लेकिन कई पूर्व मुख्यमंत्री को आजीवन आवास उपलब्ध कराया गया है.

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