नयी दिल्ली, 27 मई पतंजलि योगपीठ ने बृहस्पतिवार को पुष्टि की कि एलोपैथी चिकित्सा पद्धति पर टिप्पणी के संबंध में योग गुरु रामदेव से माफी की मांग को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की ओर से उसे एक मानहानि नोटिस मिला है । योगपीठ ने कहा कि वह कानूनी तरीके से इसका ‘करारा जवाब’ देगी।
पीटीआई के एक ई-मेल के जवाब में पतंजलि योगपीठ के महासचिव आचार्य बालकृष्ण ने इसकी पुष्टि की और कहा, ‘‘हम उन्हें उसी कानूनी रूप से करारा जवाब देंगे, जैसा कि हम अपनी महान मातृभूमि और मानवता की सेवा करते हुए जिस तरह से सब कुछ करते हैं।’’
हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ ने यह भी कहा कि पतंजलि सारी गतिविधियां वैज्ञानिक और सत्यता को ध्यान में रखकर करता है और वह किसी को भी ऋषियों और शास्त्रों के महान ज्ञान और विज्ञान की उपेक्षा, अनादर और अपमान नहीं करने दे सकता।
आईएमए ने बुधवार को एलोपैथी और एलोपैथी पद्धति के डॉक्टरों के कथित अपमान वाली टिप्पणी के लिए रामदेव को छह पन्ने का मानहानि नोटिस भेजकर 15 दिन के अंदर उनसे माफी मांगने और ऐसा नहीं करने पर एसोसिएशन ने योग गुरु से हर्जाने के तौर पर 1,000 करोड़ रुपये मांगने की बात कही थी।
आईएमए (उत्तराखंड) के सचिव अजय खन्ना द्वारा अपने वकील नीरज पांडे की ओर से भेजे गए नोटिस में रामदेव की टिप्पणी को लेकर उन पर एलोपैथी और इसके डॉक्टरों की साख को खराब करने का आरोप लगाया गया।
आईएमए ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी एक पत्र लिखकर टीकाकरण और कोविड-19 के उपचार के लिए सरकारी प्रोटोकॉल को चुनौती देने पर योग गुरु के खिलाफ राजद्रोह के आरोपों के तहत तत्काल मामला दर्ज करने का अनुरोध किया है।
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