नयी दिल्ली, दो फरवरी संसद की एक समिति ने मंगलवार को कहा कि हितधारकों के बीच समन्वय की कमी और समय सीमा पर निगरानी रखने वाली एजेंसियों के ‘‘ढुलमुल रवैये’’ के कारण तेजस विमान कार्यक्रम के क्रियान्वयन में 30 साल से अधिक का समय लगा।
लोकसभा की लोकलेखा समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि परियोजना को मंजूरी 1983 में मिली थी लेकिन जेट के इंजन, हथियार पैकेज से संबंधित मुद्दों सहित कई कारणों से इसमें देरी हुई।
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट मंगलवार को लोकसभा में पेश की गई।
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