लाइव न्यूज़ :

Parliament Winter Session: तीनों कृषि कानूनों की वापसी पर संसद की मुहर, जानिए घटनाक्रम...

By भाषा | Updated: November 29, 2021 14:47 IST

Parliament Winter Session: विपक्षी दलों ने इस विधेयक पर चर्चा कराने की मांग को लेकर हंगामा किया लेकिन इसे नजरअंदाज करते हुए विधेयक को पहले लोकसभा ओर फिर उसके बाद राज्यसभा में पारित कर दिया गया।

Open in App
ठळक मुद्देकेंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने विधेयक को पेश करते हुए इसे पारित करने का प्रस्ताव रखा।कृषि विधि निरसन विधेयक का स्वागत करते हैं और कोई इसके विरोध में नहीं है क्योंकि यह किसानों का मुद्दा है।विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच ही विधेयक ध्वनिमत से पारित हुआ।

नई दिल्लीःसंसद के पिछले वर्ष के मानसून सत्र में तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के पारित होने के बाद शुरू हुए किसानों के विरोध आंदेालन से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पिछले दिनों की गयी घेाषणा के बाद सोमवार को संसद के दोनों सदनों में कृषि विधि निरसन विधेयक, 2021 को बिना चर्चा के मंजूरी दिए।

संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा ने सोमवार को तीन विवादित कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी कृषि विधि निरसन विधेयक 2021 को बिना चर्चा के मंजूरी प्रदान कर दी। इससे पहले इस निरसन विधेयक को लोकसभा में बिना चर्चा के पारित किया गया।

प्रमुख घटनाक्रम इस प्रकार हैं :

- पांच जून 2020 : सरकार ने तीन कृषि विधेयकों की घोषणा की।

14 सितंबर 2020 : तीन कृषि कानूनों के विधेयक संसद में लाए गए।

17 सितंबर 2020 : लोकसभा में विधेयक पारित।

20 सितंबर 2020 : राज्यसभा में ध्वनि मत से विधेयक पारित ।

24 सितंबर 2020 : पंजाब में किसानों ने तीन दिन के रेल रोको आंदोलन की घोषणा की।

25 सितंबर 2020 : अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) के आह्वान पर देशभर के किसान प्रदर्शन में जुटे।

26 सितंबर 2020 : शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने कृषि विधेयकों पर भाजपा नीत राजग छोड़ा।

27 सितंबर 2020 : कृषि विधेयकों को राष्ट्रपति ने मंजूरी दी और भारत के गजट में अधिसूचित करने के साथ ये कृषि कानून बने।

25 नवंबर 2020 : पंजाब और हरियाणा में किसान संघों ने ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन का आह्वान किया, दिल्ली पुलिस ने कोविड-19 के कारण अनुमति नहीं दी।

26 नवंबर 2020 : दिल्ली की ओर मार्च करने वाले किसानों को हरियाणा के अंबाला जिले में पुलिस ने खदेड़ने की कोशिश की, किसानों ने पानी की बौछारों, आंसू गैस का सामना किया।

28 नवंबर 2020 : गृह मंत्री अमित शाह ने किसान नेताओं से पेशकश की कि अगर वे दिल्ली की सीमाओं को खाली करते हैं और बुराड़ी में निर्धारित प्रदर्शन स्थल पर जाते हैं तो जल्द ही उनसे बातचीत की जाएगी। हालांकि, किसानों ने इस पेशकश को ठुकरा दिया।

तीन दिसंबर 2020 : सरकार ने किसानों के प्रतिनिधियों के साथ पहले चरण की वार्ता की, लेकिन बैठक बेनतीजा रही।

पांच दिसंबर 2020 : किसानों और केंद्र के बीच दूसरे चरण की वार्ता भी बेनतीजा रही।

आठ दिसंबर 2020 : किसानों ने भारत बंद का आह्वान किया। अन्य राज्यों के किसानों ने भी उन्हें समर्थन दिया।

नौ दिसंबर 2020 : किसान नेताओं ने तीन विवादास्पद कानूनों में संशोधन के केंद्र सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया।

11 दिसंबर 2020 : भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) ने कृषि कानूनों के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया।

13 दिसंबर 2020 : केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया कि किसानों के प्रदर्शन में ‘टुकड़े टुकड़े’ गिरोह का हाथ है।

30 दिसंबर 2020 : सरकार और किसान नेताओं के बीच छठे दौर की वार्ता कुछ आगे बढ़ती दिखी।

चार जनवरी 2021 : सरकार और किसान नेताओं के बीच सातवें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही, केंद्र कृषि कानूनों को निरस्त करने पर राजी नहीं हुआ।

सात जनवरी 2021 : उच्चतम न्यायालय नए कानूनों को चुनौती देने वाली और प्रदर्शनों के खिलाफ याचिकाओं पर 11 जनवरी को सुनवाई के लिए राजी हो गया।

11 जनवरी 2021 : उच्चतम न्यायालय ने किसानों के प्रदर्शन से निपटने के तरीके को लेकर केंद्र की खिंचाई की।

12 जनवरी 2021 : उच्चतम न्यायालय ने कृषि कानूनों के क्रियान्वयन पर रोक लगायी, कानूनों पर सिफारिशें देने के लिए चार सदस्यीय समिति गठित की।

26 जनवरी 2021 : गणतंत्र दिवस पर किसान संघों द्वारा बुलाई ट्रैक्टर परेड के दौरान हजारों प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प हुई। लाल किले पर संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गयी।

29 जनवरी 2021 : सरकार ने डेढ़ वर्षों के लिए कृषि कानूनों को स्थगित करने और कानून पर चर्चा के लिए संयुक्त समिति गठित करने का प्रस्ताव दिया। किसानों ने प्रस्ताव ठुकरा दिया।

पांच फरवरी 2021 : दिल्ली पुलिस की साइबर अपराध शाखा ने किसान प्रदर्शनों पर एक ‘टूलकिट’ बनाने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की, जिसे युवा पर्यावरणविद ग्रेटा थनबर्ग ने साझा किया था।

छह फरवरी 2021 : प्रदर्शनरत किसानों ने दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक तीन घंटों के लिए देशव्यापी ‘चक्का जाम’ किया।

छह मार्च 2021 : किसानों को दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन करते हुए 100 दिन पूरे हुए।

आठ मार्च 2021 : सिंघु बॉर्डर प्रदर्शन स्थल के समीप गोलियां चली। कोई घायल नहीं हुआ।

15 अप्रैल 2021 : हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे किसानों के साथ वार्ता बहाल करने का अनुरोध किया।

27 मई 2021 : किसानों ने आंदोलन के छह महीने पूरे होने पर ‘काला दिन’ मनाया और सरकार के पुतले जलाए।

पांच जून 2021 : प्रदर्शनरत किसानों ने कृषि कानूनों की घोषणा के एक साल होने पर संपूर्ण क्रांतिकारी दिवस मनाया।

26 जून 2021 : किसानों ने कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के सात महीने होने पर दिल्ली की ओर मार्च किया। 

22 जुलाई 2021 : करीब 200 प्रदर्शनरत किसानों ने ‘‘मानसून सत्र’’ की तरह संसद भवन के समीप किसान संसद शुरू की।

सात अगस्त 2021 : 14 विपक्षी दलों के नेताओं ने संसद भवन में मुलाकात की और दिल्ली के जंतर मंतर में किसान संसद में जाने का फैसला लिया।

पांच सितंबर 2021 : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में कुछ महीने बाकी रहने पर भाजपा नीत राजग को चुनौती देते हुए किसान नेताओं ने मुजफ्फरनगर में ताकत का बड़ा प्रदर्शन किया।

22 अक्टूबर 2021 : उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह उसके विचाराधीन मामलों पर भी प्रदर्शन करने के लोगों के अधिकार के खिलाफ नहीं है लेकिन उसने स्पष्ट किया कि ऐसे प्रदर्शनकारी अनिश्चितकाल तक सड़कों को बंद नहीं कर सकते।

29 अक्टूबर 2021 : दिल्ली पुलिस ने गाजीपुर सीमा से अवरोधक हटाने शुरू किए, जहां केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान प्रदर्शन कर रहे हैं।

19 नवंबर 2021 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की।

29 नवंबर 2021 : संसद के दोनों सदनों ने कृषि कानून को निरस्त करने वाले कृषि विधि निरसन विधेयक, 2021 को बिना चर्चा के मंजूरी मंजूरी दी। 

टॅग्स :संसद शीतकालीन सत्रFarmersनरेंद्र मोदीकांग्रेससंसदParliament
Open in App

संबंधित खबरें

भारत500 करोड़ रुपये का सूटकेस दो और सीएम बनो?, पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर के बयान पर शिवकुमार ने कहा- ‘पागलों के किसी अस्पताल’ में भर्ती हो?

भारतजब वंदे मातरम् के 100 वर्ष हुए, तब देश आपातकाल की जंजीरों में जकड़ा हुआ था?, पीएम मोदी ने कहा-संविधान का गला घोंट दिया गया था, वीडियो

भारत‘अंग्रेजों ने बांटो और राज करो का रास्ता चुना’, लोकसभा में पीएम मोदी ने कहा-आजादी की लड़ाई, मातृभूमि को मुक्त कराने की जंग थी, वीडियो

भारतवंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं और हम सभी ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बन रहे हैं, लोकसभा में पीएम मोदी, वीडियो

भारतबिहार विधानसभा चुनावः 243 में से 202 सीट पर जीत, सभी 30 NDA सांसदों से मिलेंगे पीएम मोदी, राजनीतिक दिशा, विकास रणनीति और केंद्र-राज्य समन्वय पर चर्चा

भारत अधिक खबरें

भारतजन संस्कृतिक मंचः 50 वर्ष पूरे होने पर स्वर्ण जयंती, 15 सदस्यीय आयोजन समिति का गठन 

भारतNCERT की कक्षा 7वीं की अपडेटेड टेक्स्टबुक में गजनी की क्रूरता शामिल

भारतIndiGo Flight Cancellations: इंडिगो संकट, 7वें दिन 400 फ्लाइट कैंसिल, हालात से लाचार हजारों पैसेंजर, देखिए दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और चेन्नई एयरपोर्ट हाल, वीडियो

भारतमेरे सम्मानित प्रदेश वासियों?, सीएम योगी लिखी चिट्ठी, क्या है इसमें खास?, पढ़िए

भारतIndiGo Crisis: 6 दिन में 2000 से अधिक फ्लाइट कैंसिल, दिल्ली एयरपोर्ट ने यात्रियों के लिए एडवाइज़री जारी की, एयरपोर्ट जाने से पहले लेटेस्ट स्टेटस चेक कर लें