नई दिल्ली: तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी विधेयक लोकसभा में सोमवार को हंगामे के बीच पास हो गया। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इसे सदन के पटल पर रखा। लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी इस विधेयक पर सदन में चर्चा की मांग भी रखी। हालांकि हंगामे के बीच लोकसभा ने कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी कृषि विधि निरसन विधेयक 2021 को बिना चर्चा के ही मंजूरी दी।
इस विधेयक को आज ही राज्य सभा में भी रखा जाएगा। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ये जानकारी दी। वहीं, लोकसभा में विधेयक पास होने के कुछ देर बाद विपक्ष के हंगामे की वजह से सदन को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। दरअसल कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि सरकार तीनों विवादास्पद कृषि कानून वापस ले रही और संसद के शीतकालीन सत्र में इसे खत्म करने संबंधी विधेयक लाया जाएगा।
दूसरी ओर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि लोकसभा में कृषि कानूनों की वापसी उन 750 किसानों को समर्पित है जिन्होंने पिछले एक साल से चले आ रहे आंदोलन में अपनी जान गंवा दी। राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों का प्रदर्शन जारी रहेगा क्यों कि एमएसपी सहित कुछ अन्य मुद्दों का समाधान अभी बाकी है।
हंगामे के साथ लोकसभा की कार्यवाही की शुरुआत
इससे पहले संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत हंगामेदार रही। शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के करीब 15 मिनट बाद ही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी।
सदन की कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष ओम बिरला ने हाल में हुए उपचुनाव में निर्वाचित दो नये सदस्यों प्रतिभा सिंह और ज्ञानेश्वर पाटिल से शपथ ग्रहण आग्रह किया। इसके बाद अध्यक्ष ने सदन को आठ पूर्व सदस्यों के निधन की जानकारी दी। सदन ने कुछ पल मौन रखकर इन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
लोकसभा अध्यक्ष ने इसके बाद जैसे ही प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू करने को कहा, वैसे ही कांग्रेस सहित कुछ दलों के सदस्य अपने स्थान से शोर शराबा करने लगे। शोर शराबे के बीच ही एक प्रश्न को लिया गया। विपक्षी सदस्य ‘किसानों को न्याय दो’ के नारे लगा रहे थे। इस दौरान अध्यक्ष ओम बिरला ने सदस्यों से शांत रहने की अपील भी की।
ओम बिरला ने कहा कि देश की जनता चाहती है कि सदन की कार्यवाही चले ऐसे में जनता की भावना और सदन की मर्यादा का ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि जनता से जुड़े ज्वलंत मुद्दों पर अपनी बात रखें एवं परंपराओं का ध्यान रखें। इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही शुरू होने के करीब 15 मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक के लिये स्थगित कर दी।