Pariksha Pe Charcha 2025: नाकामी के बिना कामयाबी नहीं और कड़ी मेहनत हमेशा काम?, मैरी कॉम, लेखरा और यथिराज ने कहा-कैसे हैंडल करें परीक्षा?

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 17, 2025 18:16 IST2025-02-17T18:15:26+5:302025-02-17T18:16:35+5:30

Pariksha Pe Charcha 2025: दो बार की पैरालम्पिक चैम्पियन निशानेबाज लेखरा ने कहा ,‘लोग कहते हैं कि सफलता असफलता की विलोम है। लेकिन मेरा मानना है कि नाकामी ही कामयाबी का सबसे बड़ा हिस्सा है। नाकामी के बिना कभी कामयाबी नहीं मिलती।’

Pariksha Pe Charcha 2025 live no success without failure hard work always works MC Mary Kom, Avani Lekhara and Suhas Yathiraj said How to handle exams see video | Pariksha Pe Charcha 2025: नाकामी के बिना कामयाबी नहीं और कड़ी मेहनत हमेशा काम?, मैरी कॉम, लेखरा और यथिराज ने कहा-कैसे हैंडल करें परीक्षा?

file photo

Highlightsपरीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम इस बार दिल्ली में सुंदर नर्सरी में आयोजित किया गया। मैरी कॉम ने मुक्केबाजी करियर के दौरान आई चुनौतियों के बारे में बात की।कई बार मैं हतोत्साहित हो जाती थी क्योंकि चुनौतियां काफी थी।

नई दिल्लीः महान मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम, पैरालम्पिक स्टार अवनि लेखरा और सुहास यथिराज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘परीक्षा पे चर्चा ’ पहल के तहत स्कूल के बच्चों को तनाव से निपटने के टिप्स देते हुए कहा कि नाकामी के बिना कामयाबी नहीं मिलती और कड़ी मेहनत हमेशा काम आती है । तीनों खिलाड़ियों ने बच्चों को नाकामी से उबरने, फोकस बनाये रखने और सुनौतियों का सामना करने की भी सलाह दी । परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम बोर्ड की परीक्षा देने जा रहे बच्चों के लिये 2018 से आयोजित किया जा रहा है । दो बार की पैरालम्पिक चैम्पियन निशानेबाज लेखरा ने कहा ,‘लोग कहते हैं कि सफलता असफलता की विलोम है। लेकिन मेरा मानना है कि नाकामी ही कामयाबी का सबसे बड़ा हिस्सा है। नाकामी के बिना कभी कामयाबी नहीं मिलती।’

 

आम तौर पर टाउन हॉल प्रारूप में होने वाला परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम इस बार दिल्ली में सुंदर नर्सरी में आयोजित किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने विभिन्न क्षेत्रों की जानी मानी हस्तियों को स्कूली बच्चों के सवालों का जवाब देने के लिये बुलाया । उन्होंने 10 फरवरी को इसकी शुरुआत खुद की। छह बार की विश्व चैम्पियन और लंदन ओलंपिक कांस्य पदक विजेता मुक्केबाज मैरी कॉम ने मुक्केबाजी करियर के दौरान आई चुनौतियों के बारे में बात की। उन्होंने कहा ,‘‘ मुक्केबाजी महिलाओं का खेल नहीं है । मैने यह चुनौती स्वीकार की क्योंकि मैं खुद को साबित करना चाहती थी।

देश की सभी महिलाओं को बताना चाहती थी कि हम कर सकते हैं और मैं कई बार विश्व चैम्पियन बनी ।’’ उन्होंने कहा ,‘‘आपके जीवन में भी अगर आप चुनौती का सामना करना चाहते हैं तो भीतर से मजबूत होना होगा । शुरुआत में मैंने कई चुनोतियों का सामना किया। कई बार मैं हतोत्साहित हो जाती थी क्योंकि चुनौतियां काफी थी।’’

मैरी कॉम ने कहा ,‘‘ हर क्षेत्र कठिन है । कोई शॉर्टकट नहीं होता । आपको मेहनत करनी होती है । अगर मैं कर सकती हूं तो आप क्यो नहीं ।’’ दो बार के पैरालम्पिक रजत पदक विजेता बैडमिंटन स्टार और आईएएस अधिकारी सुहास ने कहा ,‘‘ अच्छी चीजें आसानी से नहीं मिलती । सफर चलता रहना चाहिये । सूरज की तरह चमकना है तो जलने के लिये भी तैयार रहना होगा ।’’

बच्चों ने दबाव, आशंकायें, बेचैनी और भटकाव से जुड़े कई सवाल पूछे । सुहास ने बताया कि कैसे नाकामी के डर को मिटाने से उन्हें एशियाई चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने में मदद मिली । उन्होंने कहा ,‘‘ आपका दिमाग ही आपका सबसे बड़ा दोस्त और दुश्मन है । मैने 2016 में एशियाई चैम्पियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व किया ।

मैं इतना डर गया था कि पहला मैच हार गया और दूसरे में पीछे चल रहा था । फिर 30 सेकंड के ब्रेक के दौरान मैने खुद से कहा कि जब इतनी दूर आये हो तो सबसे बुरा यही हो सकता है कि आप हार जाओगे । हार के डर से उबरकर अपना स्वाभाविक खेल दिखाओ ।’’

सुहास ने कहा ,‘‘ मैंने वह मैच ही नहीं बल्कि छह मैच और जीते और चीन में एशियाई चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाला पहला गैर वरीय खिलाड़ी बना । सबक यह है कि हार के डर से उबर जाओ, सामने कौन है इसके बारे में सोचे बिना अपना सर्वश्रेष्ठ दो ।’’ 

Web Title: Pariksha Pe Charcha 2025 live no success without failure hard work always works MC Mary Kom, Avani Lekhara and Suhas Yathiraj said How to handle exams see video

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे