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परमबीर सिंह कथित प्रतिशोध का हवाला देते हुए जांच से नहीं बच सकते: महाराष्ट्र सरकार ने अदालत को बताया

By भाषा | Updated: July 28, 2021 19:51 IST

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मुंबई, 28 जुलाई महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को बम्बई उच्च न्यायालय से कहा कि वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी परमबीर सिंह आपराधिक मामलों में अपने खिलाफ जांच से इस आधार पर नहीं बच सकते हैं कि यह राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ उनकी शिकायत का नतीजा है।

न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एन जे जमादार की खंडपीठ मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त सिंह की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उनके खिलाफ दो प्रारंभिक जांच को चुनौती दी गई है। इनमें से एक कथित तौर पर कर्तव्य की अवहेलना और कदाचार और दूसरी कथित भ्रष्टाचार के बारे में है।

अदालत ने दोनों जांच की प्रगति के बारे में पूछा, तो अतिरिक्त लोक अभियोजक जयेश याज्ञनिक ने कहा कि दोनों जांच अभी भी जारी है।

सिंह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने कहा कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त को अभी तक इन जांच के बारे में कोई सम्मन या नोटिस नहीं मिला है।

राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील डेरियस खंबाटा ने कहा कि सिंह की याचिका पर उच्च न्यायालय सुनवाई नहीं कर सकता क्योंकि यह एक "सेवा से जुड़ा मामला" है और इसे एक प्रशासनिक न्यायाधिकरण द्वारा सुना जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, "याचिका में उन मुद्दों को उठाया गया है जो प्रशासनिक न्यायाधिकरण अधिनियम के प्रावधानों के दायरे में हैं और यह विशुद्ध रूप से एक सेवा संबंधी मामला है।"

खंबाटा ने इस तर्क को भी गलत बताया कि यह देशमुख पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के लिए सरकार की प्रतिशोधात्मक कार्रवाई का एक रूप है।

उन्होंने कहा, "सिर्फ इसलिए कि आपने अनिल देशमुख के खिलाफ कुछ आरोप लगाए हैं, आपको किसी भी कार्रवाई से संरक्षण नहीं दिया जा सकता है।"

वकील ने कहा कि निरीक्षक अनूप डांगे की शिकायत के बाद पूछताछ शुरू की गई है।

खंबाटा ने कहा, "शिकायत दो फरवरी, 2021 को दी गई थी ... इससे पहले कि यह सब नाटक सामने आए... सिंह ने देशमुख के खिलाफ मुख्यमंत्री को शिकायत पत्र लिखी।"

राज्य के वकील ने तर्क दिया उनके खिलाफ शिकायतें गंभीर हैं और कोई भी कानून से ऊपर नहीं है।

जेठमलानी ने तर्क दिया कि प्रारंभिक जांच जल्दबाजी में की गई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार पुलिस महानिदेशक के साथ साजिश करके यह प्रसार कर रही है कि देशमुख के खिलाफ सिंह अपनी शिकायत वापस ले लें।

पुलिस महानिदेशक संजय पांडे की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नवरोज सीरवाय ने याचिका खारिज करने का अनुरोध किया और कहा कि याचिका में लगाये गये आरोप पूरी तरह से झूठे हैं और यह डीजीपी को, एक उत्कृष्ठ अधिकारी है, को बेईमानी से फंसाने के प्रयास के अलावा कुछ नहीं है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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