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पाकिस्तान को करतारपुर तीर्थयात्रा से होगी तीन करोड़ डॉलर से अधिक की वार्षिक आय, विदेशी विदेशी मुद्रा का होगा अन्य स्रोत

By भाषा | Updated: October 24, 2019 23:04 IST

भारत और पाकिस्तान के बीच ऐतिहासिक करतारपुर गलियारे को चालू करने संबंधी समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद तीर्थयात्रा पर जाने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण बृहस्पतिवार को शुरू हो गए।

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ठळक मुद्देपाकिस्तान को करतारपुर तीर्थयात्रा से तीन करोड़ 65 लाख डॉलर तक की वार्षिक आय होने का अनुमान है।एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि तीर्थयात्रियों से सेवा शुल्क के रूप में पाकिस्तान को सालाना 258 करोड़ रुपए (भारतीय मुद्रा) मिलेंगे।

पाकिस्तान को करतारपुर तीर्थयात्रा से तीन करोड़ 65 लाख डॉलर तक की वार्षिक आय होने का अनुमान है। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि तीर्थयात्रियों से सेवा शुल्क के रूप में पाकिस्तान को सालाना 258 करोड़ रुपए (भारतीय मुद्रा) मिलेंगे। यह पाकिस्तान के लिए विदेशी मुद्रा का अन्य स्रोत होगा।

उन्होंने बताया कि चूंकि पांच हजार तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान के करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब जाने की इजाजत है। इसमें प्रत्येक तीर्थयात्री से रोजाना 20 डॉलर सेवा शुल्क लिया जाएगा। इस हिसाब से प्रति दिन पाकिस्तान को 1,00,000 डॉलर की आय होगी। यह तीर्थयात्रा साल के 365 दिन चलेगी तो पाकिस्तान को इससे 3,65,00,000 डॉलर की आय होगी।

भारत और पाकिस्तान के बीच ऐतिहासिक करतारपुर गलियारे को चालू करने संबंधी समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद तीर्थयात्रा पर जाने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण बृहस्पतिवार को शुरू हो गए। इस गलियारे के जरिए भारत के सिख श्रद्धालु पाकिस्तान में स्थित पवित्र दरबार साहिब तक जा पाएंगे।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार तीर्थयात्रियों के पंजीकरण के लिए आज एक ऑनलाइन पोर्टल (prakashpurb550.mha.gov.in) चालू हो गया। तीर्थयात्रा पर जाने के इच्छुक लोगों को इस पोर्टल में ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा और किसी भी दिन वह तीर्थयात्रा पर जा सकते हैं।

तीर्थयात्रियों को एसएमएस के जरिए जानकारी दी जाएगी और यात्रा तिथि से तीन चार दिन पहले ही पंजीकरण की पुष्टि करने वाला ई-मेल भेजा जाएगा। उनके लिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रैवल ऑथराइजेशन जारी किया जाएगा।

बयान में कहा गया कि तीर्थयात्रियों को अपने पासपोर्ट के साथ इलेक्ट्रॉनिक ट्रैवल ऑथराइजेशन भी साथ ले जाना होगा। अब पाकिस्तान के नरोवाल जिले के गुरुद्वारा दरबार साहिब तक इस गलियारे के जरिए पहुंचा जा सकेगा। गुरुद्वारा दरबार साहिब में सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष बिताए थे।

टॅग्स :करतारपुर साहिब कॉरिडोरपाकिस्तान
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