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इस साल के चार महीनों में रोज 13 बार पाकिस्तान सेना ने बरसाए गोले, पिछले साल 3586 बार PAK ने था संघर्ष विराम का उल्लंघन

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: May 14, 2020 17:55 IST

सीमाओं पर जारी सीजफयर के बावजूद पाक सेना ने पिछले साल रिकार्ड तोड़ करीब 3586 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। जम्मू कश्मीर में सीमा पर पिछले साल संघर्ष में 61 लोग मारे गए हैं जबकि एक हजार से ज्यादा घायल हुए हैं। आधिकारिक आंकड़े इसकी पुष्टि करते हैं कि पाक सेना ने पिछले साल हर दिन सीमा और एलओसी पर 10 बार गोलाबारी की जो इस साल भी जारी है।

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ठळक मुद्देचार महीनों में पाकिस्तानी सेना ने एलओसी और सीमा पर प्रतिदिन 13 बार गोले बरसाए हैं। वर्ष 2003 को घोषित सीजफायर 16 साल पूरे कर 17वें वर्ष की ओर बढ़ रहा था।

जम्मू: इस साल के पहले चार महीनों में पाकिस्तानी सेना ने एलओसी और सीमा पर प्रतिदिन 13 बार गोले बरसाए हैं। गोलियों तथा गोलों की बरसात ऐसे समय में सीमाओं पर हो रही है जबकि वर्ष 2003 को घोषित सीजफायर 16 साल पूरे कर 17वें वर्ष की ओर बढ़ रहा था।

यही कारण था कि कहने को तो पाकिस्तान से सटे जम्मू कश्मीर के इंटरनेशनल बार्डर और एलओसी पर पिछले 16 सालों से दोनों मुल्कों की सेनाओं के बीच सीजफायर है पर अब हर दिन सीमाओं पर होने वाली गोलों और गोलियों की बरसात अब सीजफायर का मजाक उड़ाने लगी हैं। यही नहीं गोलों व गोलियों की तेज होती बरसात के बीच लाखों सीमावासी अब फिर से पलायन की तैयारी में भी इसलिए जुट गए हैं क्योंकि सीजफायर के उल्लंघन को लेकर पाक सेना की हरकतें शर्मनाक होने लगी हैं। यह गोलाबारी कितनी है आंकड़े आपको हैरान कर देंगें। सरकार न खुद माना है कि इस साल प्रतिदिन 13 बार तो वर्ष 2019 में पाक सेना ने औसतन एक दिन में 10 बार गोलों की बरसात की है। जबकि 2018 में प्रतिदिन 8 बार गोलियां बरसाई गईं। बावजूद इसके इस स्थिति को सीजफायर का ही नाम दिया जा रहा है।

सीमाओं पर जारी सीजफयर के बावजूद पाक सेना ने पिछले साल रिकार्ड तोड़ करीब 3586 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। जम्मू कश्मीर में सीमा पर पिछले साल संघर्ष में 61 लोग मारे गए हैं जबकि एक हजार से ज्यादा घायल हुए हैं। आधिकारिक आंकड़े इसकी पुष्टि करते हैं कि पाक सेना ने पिछले साल हर दिन सीमा और एलओसी पर 10 बार गोलाबारी की जो इस साल भी जारी है।

आधिकारिक आंकड़ों में बताया गया है कि जम्मू कश्मीर में सीमा पर 50 हजार लोगों को संघर्ष विराम उल्लंघन के कारण सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया। इनमें से करीब छ हजार रिलीफ कैंपों में रहे जबकि बाकी के अपने रिश्तेदारों के घर। जबकि 2017 में बार्डर पर 971 बार सीजफायर उल्लंघन हुआ जिसमें 31 लोग मारे गए जबकि 151 अन्य घायल हुए। 2018 में भी 3000 बार सीजफायर का उल्लंघन हुआ।

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2016 में भी पाक सेना ने सबसे ज्यादा करीब 437 बार सीजफायर का उल्लंघन किया था। करीब करीब प्रत्येक सीजफायर के उल्लंघन का जवाब भारतीय पक्ष की ओर से दिया गया था। अर्थात उस ओर से गोले दागे गए तो इस ओर से भी गोले ही दागे गए। कभी मोर्टार का इस्तेमाल उस ओर से हुआ तो कभी छोटे तोपखानों का।

नतीजा सामने था। पिछले साल 26 नवम्बर को 16 साल पूरे करने वाले सीजफायर के अरसे में अब आंकड़ा यह कहता है कि हर दिन पाक सेना ने कई बार गोलाबारी कर सीजफायर का मजाक उड़ा दिया। अब यह अनुपात बढ़ता जा रहा है। इस चार के 4 महीनों का आंकड़ा लें तो उसने दिन में 13 बार गोले बरसाए हैं। कोरोना संकट के बावजूद।

टॅग्स :जम्मू कश्मीर
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