वाघा बॉर्डर की तर्ज पर जम्मू सीमा के रिट्रीट सेरेमनी पर पाक सेना का खतरा, नहीं दिया मौखिक-लिखित आश्वासन

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: September 29, 2021 15:03 IST2021-09-29T14:59:07+5:302021-09-29T15:03:17+5:30

पर्यटन विभाग की ओर से उद्घाटन कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार कर ली गई है। जम्मू में बार्डर टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए सरकार का यह अहम कदम है।

pak army threatens retreat ceremony on the lines of Wagah border on Jammu border did not give assurance | वाघा बॉर्डर की तर्ज पर जम्मू सीमा के रिट्रीट सेरेमनी पर पाक सेना का खतरा, नहीं दिया मौखिक-लिखित आश्वासन

आक्ट्राय पोस्ट अर्थात सुचेतगढ़ सीमा।

Highlightsपर्यटन विभाग की ओर से उद्घाटन कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार कर ली गई है यह रिट्रीट सेरेमनी एकतरफा है। पाकिस्तान इसमें शामिल नहीं होगा

जम्मू। दो अक्तूबर से जम्मू सीमा पर आक्ट्राय पोस्ट अर्थात सुचेतगढ़ के उस इलाके में वाघा बार्डर की तर्ज पर रिट्रीट सेरेमनी की शुरूआत होने जा रही है जिस रोड को आज भी यूएनओ के पर्यवेक्षक आर-पार आने जाने के लिए इस्तेमाल करते हैं। दरअसल यह रिट्रीट सेरेमनी एकतरफा है। पाकिस्तान इसमें शामिल नहीं होगा। और सबसे बड़ा खतरा उसके इरादों से है। वह कई बार इस सीमा चौकी पर अतीत में गोलियां बरसा चुका है और इस रिट्रीट सेरेमनी की सुरक्षा के प्रति वह न ही कोई लिखित और न ही मौखिक आश्वासन दे रहा है।

पर्यटन विभाग की ओर से उद्घाटन कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार कर ली गई है। जम्मू में बार्डर टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए सरकार का यह अहम कदम है। हालांकि वाघा बार्डर की तरह यहां पर पाकिस्तान की तरफ तो ऐसी कोई सेरेमनी नहीं होगी लेकिन भारतीय सीमा में पर्यटकों के आकर्षण के लिए सीमा सुरक्षा बल के जवान रोजाना ये रिट्रीट सेरेमनी आयोजित करेंगे।

ऐसे में सीमांत लोगों का कहना है कि सरकार को चाहिए कि पहले वह पाकिस्तान से बात करे और इस बात की गारंटी ले कि कुछ नहीं होगा। फिर पर्यटन ढांचे को मजबूत किया जाए। इतना जरूर था कि जम्मू संभाग के मंडलायुक्त भी मानते थे कि इस तरह की घटनाएं बार्डर टूरिज्म के लिए खतरा हैं। हालांकि उनका कहना है कि इस तरह की घटनाएं रोज नहीं होतीं। बार्डर टूरिज्म की योजना एक लंबी सोच को लेकर बनाई गई है जिसे पूरा करने पर इन चीजों को नजरअंदाज करना ही पड़ेगा।

रिट्रीट सेरेमनी के लिए सीमा से सटे सुचेतगढ़ में पर्यटन विभाग की ओर से उपयुक्त ढांचा विकसित किया गया है। बार्डर टूरिज्म के तहत पर्यटकों के बैठने के यहां उचित स्टैंड बनाने के साथ यहां रेस्तरां का भी निर्माण किया गया है। इसके अलावा एक पार्क विकसित किया गया है।

पर्यटन विभाग ने करीब 15 साल पहले सुचेतगढ़ को बार्डर टूरिज्म के तहत विकसित करने की योजना पर काम शुरू किया था और वर्षों से यहां भारत-पाक रिट्रीट सेरेमनी आयोजित करने की योजना बनाई जा रही थी लेकिन पाकिस्तान सरकार की ओर से कोई सकारात्मक रूख न रखने के कारण सुचेतगढ़ में यह आयोजन नहीं हो पाया। अब पर्यटन विभाग ने भारतीय सीमा में ही रिट्रीट सेरेमनी आयोजित करने का प्रस्ताव बनाया जिसे केंद्र सरकार व बीएसएफ की मंजूरी तो मिली है पर पाकिस्तानी सेना इसके प्रति खामोश हैं।

सूत्रों का मानना है कि टूरिज्म विभाग के लिए बार्डर टूरिज्म को बढ़ावा देना टेढ़ी खीर जैसा है। बार्डर के लोगों से जब यह सवाल पूछा गया कि क्या बार्डर टूरिज्म पर इसका असर पड़ेगा, तो कोई ना न कह सका। वे कहते थे कि जब भी कभी सीजफायर की उल्लंघना होती है तो काफी सख्ती कर दी जाती है। अगर ऐसा ही माहौल रहा तो टूरिस्ट यहां पर कैसे आएंगे।

राज्य के टूरिज्म विभाग ने बार्डर टूरिज्म के रूप में सांबा सेक्टर के चमलियाल गांव को भी बार्डर टूरिज्म विलेज बनाने की योजना बनाई है इस पर काम भी चल रहा है। हालांकि टूरिज्म विभाग नहीं मानता कि इससे बार्डर टूरिज्म पर कोई असर पड़ेगा लेकिन इतिहास गवाह रहा है कि बार्डर पर तनाव होने पर आसपास के गांवों से लोग पलायन कर जाजे हैं। बार्डर पर लोगों की आवाजाही बंद कर दी जाती है। यही नहीं, बार्डर पर शाम 6 बजे के बाद किसी को अपने खेतों में आने तक नहीं दिया जाता। ऐसे में आक्ट्राय पोस्ट (सुचेतगढ़) पर विकसित होने वाले पर्यटन ढांचे को तो मुहैया करा दिया जाएगा लेकिन तनाव होने पर उसका कोई मतलब नहीं रह जाएगा, यह एक कड़वी सच्चाई है।

Web Title: pak army threatens retreat ceremony on the lines of Wagah border on Jammu border did not give assurance

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