पीएईजी ने मनरेगा के तहत धन की कमी का मुद्दा उठाया, सरकार ने उचित क्रियान्वयन की प्रतिबद्धता जताई
By भाषा | Updated: October 30, 2021 16:49 IST2021-10-30T16:49:37+5:302021-10-30T16:49:37+5:30

पीएईजी ने मनरेगा के तहत धन की कमी का मुद्दा उठाया, सरकार ने उचित क्रियान्वयन की प्रतिबद्धता जताई
नयी दिल्ली, 30 अक्टूबर ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम मनरेगा के तहत धन की कमी पर चिंता जताते हुए कार्यकर्ताओं के एक समूह ने कहा कि आवंटित बजट का करीब 90 प्रतिशत का इस्तेमाल हो चुका है और अभी वित्त वर्ष के पांच महीने बचे हैं।
ग्रामीण विकास मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि सरकार कार्यक्रम के उचित क्रियान्वयन के लिए वेतन और सामग्री भुगतान के लिहाज से धन जारी करने के लिए प्रतिबद्ध है और जब भी अतिरिक्त निधि की जरूरत होती है, वित्त मंत्री से इसके लिए अनुरोध किया जाता है।
इस योजना को विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के समय लाखों ग्रामीण गरीबों के लिए जीवनरेखा बताते हुए ‘पीपल्स एक्शन फॉर एम्प्लॉयमेंट गारंटी’ (पीएईजी) ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि 2021-22 में इसके लिए कुल बजट पिछले साल की तुलना में 34 प्रतिशत कम है।
पीएईजी कार्यकर्ताओं का एक समूह है जो पहले ‘महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम’ (एमजीनरेगा) के तहत आने वाले वैधानिक निकाय केंद्रीय रोजगार गारंटी परिषद के सदस्य रहे हैं।
इस साल पेश केंद्रीय बजट में सरकार ने 2021-22 के लिए योजना में 73,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया। यह 2020-21 के 1.11 लाख करोड़ रुपये के संशोधित आकलन से 34 प्रतिशत कम है।
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