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लखनऊ में अस्पताल के खिलाफ एफआईआर, ऑक्सीजन की कमी को लेकर अफवाह फैलाने का आरोप

By दीप्ती कुमारी | Updated: May 7, 2021 11:03 IST

लखनऊ प्रशासन ने बुधवार को सन अस्पताल के खिलाफ ऑक्सीजन की कमी के बारे में झूठी अफवाह फैलाने पर प्राथमिकी दर्ज की थी । उसके बाद गुरूवार को अस्पताल की ओर से मामले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने की बात कही गई ।

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ठळक मुद्देलखनऊ में सन अस्पताल के खिलाफ ऑक्सीजन की कमी होने की 'झूठी अफवाह' फैलाने के आरोप में प्राथमिकीसन अस्पताल के अखिलेश पांडेय ने कहा कि हम इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट जाएंगे 3 मई को अस्पताल की ओर से ऑक्सीजन की कमी का नोटिस जारी किया था

लखनऊ: लखनऊ प्रशासन ने शहर के एक अस्पताल के खिलाफ ऑक्सीजन की कमी को लेकर 'झूठी अफवाहें' फैलाने के मामले में प्राथमिकी दर्ज की है। ये एफआईआर बुधवार की रात दर्ज की गई। वहीं, इसके जवाब में गुरुवार को अस्पताल प्रशासन की ओर से कहा गया कि वह इसके खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय में जाएगा।

लखनऊ में अस्पताल के खिलाफ FIR, क्या है मामला 

लखनऊ के गोमती नगर क्षेत्र स्थित सन हॉस्पिटल को एक महीने पहले कोविड घोषित किया गया था। 3 मई को  इस अस्पताल में 45 मरीज थे , जिनमें 38 मरीज  को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था। इसी दौरान अस्पताल प्रशासन ने एक नोटिस लगाया कि ऑक्सीजन की कमी के कारण मरीजों के परिजनों को उन्हें किसी अन्य अस्पताल में ले जाने होगा। गुरुवार को इस अस्पताल में 28 कोविड मरीज थे , जिनमें 20 ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे।  

दिलचस्प ये है कि अस्पताल के खिलाफ लखनऊ प्रशासन के द्वारा यह मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट की उस टिप्पण के एक दिन बाद दर्ज किया गया जिसमें कोर्ट ने कहा था कि ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई मौत नरसंहार है। इस सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सन हॉस्पिटल द्वारा लगाई गई नोटिस का भी जिक्र किया था।

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार अफवाहें फैलाने के आरोपों का खंडन करते हुए सन अस्पताल के अखिलेश पांडेय ने कहा, 'मैं चाहता हूं कि 3 मई को क्या हुआ इस बारे में  प्रशासन मरीजों के परिजनों से पूछे । साथ ही मैं प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक रिट याचिका दायर करूंगा। अखिलेश  पांडेय ने खुद को अस्पताल का प्रबंधक बताया है जबकि पुलिस ने कहा था कि वह अस्पताल के निदेशकों में से एक है। 

पांडेय ने यह भी कहा कि उप-मंडल मजिस्ट्रेट प्रफुल त्रिपाठी ने उनपर दबाव डाला था। उन्होंने बताया, 'मेरे पास एसडीएम साहब का ऑडियो के साथ वीडियो है, जिसमें वह मेरी मदद के बदले मुझसे उनके अनुसार लिखने को कह रहे हैं। अब उन्होंने मुझे नोटिस जारी किया है। ' उन्होंने कहा कि वह अग्रिम जमानत के लिए अदालत से संपर्क करेंगे और मुद्दे की निष्पक्ष जांच चाहते हैं। 

वहीं, एसडीएम ने फिलहाल एस मामले में कुछ नहीं कहा है । उन्होंने प्रारंभिक जांच में कहा था कि नोटिस के विरूद्ध अस्पताल में 20 कोविड मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर पाए गए थे । वही हॉस्पिटल में आठ जंबो सिलेंडर और दो बी प्रकार ऑक्सीजन सिलेंडर और सांद्रता थे ।  इसपर अस्पताल प्रशासन की ओर से पांडेय ने  कहा  कि हम बैकअप के लिए उतना ऑक्सीजन रखते हैं  । 

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