ऑक्सीजन विवाद: ऑक्सीजन की कमी से मरने वालों के सगे-संबंधियों ने निष्पक्ष जांच की मांग की

By भाषा | Updated: June 26, 2021 21:25 IST2021-06-26T21:25:11+5:302021-06-26T21:25:11+5:30

Oxygen controversy: Relatives of those who died due to lack of oxygen demand a fair investigation | ऑक्सीजन विवाद: ऑक्सीजन की कमी से मरने वालों के सगे-संबंधियों ने निष्पक्ष जांच की मांग की

ऑक्सीजन विवाद: ऑक्सीजन की कमी से मरने वालों के सगे-संबंधियों ने निष्पक्ष जांच की मांग की

(सलोनी भाटिया)

नयी दिल्ली, 26 जून कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी के चलते जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों ने दिल्ली सरकार द्वारा ऑक्सीजन की जरूरत बढ़ा-चढ़ा कर पेश करने का दावा करने वाली रिपोर्ट आने के बाद इस विषय की निष्पक्ष जांच की मांग की है।

उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित एक उप-समूह ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन की खपत ‘‘बढ़ा-चढ़ाकर’’ बताई और 1140 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत का दावा किया, जोकि बिस्तरों की क्षमता के फार्मूले के अनुरूप 289 मीट्रिक टन की आवश्यकता से चार गुना अधिक थी।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नयी दिल्ली के निदेशक रणदीप गुलेरिया की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय समिति ने कहा था कि दिल्ली सरकार ने ‘‘गलत फॉर्मूले’’ का इस्तेमाल करते हुए 30 अप्रैल को 700 मीट्रिक टन मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन के आवंटन के लिए दावा किया।

महामारी की दूसरी लहर में अपनी मां डेलफिन को खोने वाले एरिक मासे ने कहा कि उन्हें नहीं लगता है कि ऑक्सीजन की जरूरत बढ़ा-चढ़ा कर बताई गई।

जयपुर गोल्डेन हॉस्पिटल में कथित तौर पर ऑक्सीजन की कमी के चलते उनकी मां की मृत्यु हो गई थी।

उन्होंने कहा, ‘‘यह सिर्फ हम लोग नहीं हैं जिन्होंने ऑक्सीजन की कमी का दंश झेला है। हर जगह, दोस्तों और रिश्तेदारों को ऑक्सीजन सिलेंडर पाने के लिए मशक्कत करनी पड़ी। कुछ लोगों ने एक से डेढ़ लाख रुपये में यह खरीदा। हमें नहीं लगता कि इसे (ऑक्सीजन की जरूरत को) बढ़ा-चढ़ा कर बताया गया। पूरा का पूरा परिवार वायरस से संक्रमित हुआ था और इसलिए कई अस्पतालों को मदद की गुहार लगानी पड़ी। ’’

गौरव गेरा ने ऑक्सीजन की कमी के चलते अपने माता-पिता को महज एक घंटे के अंतराल पर खो दिया। उनके पिता चरणजीत गेरा जयपुर गोल्डेन हॉस्पिटल में भर्ती थे, जबकि उनकी मां सोनू रानी आंबेडकर अस्पताल में भर्ती थी।

गौरव ने कहा, ‘‘ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने ऑक्सीजन की कमी के चलते अपने परिवार के सदस्यों को खोया है। जयपुर गोल्डेन हॉस्पिटल में हमें बताया गया कि यदि पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन होती तो मरीजों की जान बचाई जा सकती थी। हालांकि, मुझे लगता है कि सामने आये आंकड़ों की तुलना में कहीं अधिक संख्या में लोगों की मौत ऑक्सीजन की कमी के चलते हुई है। ’’

जगज्योत सिंह की मां सरबजीत कौर उन 20 मृतकों में शामिल थी जिन्होंने 24 अप्रैल की रात शहर के जयपुर गोल्डेन हॉस्पिटल में ऑक्सीजन पहुंचने का आखिरी सांस तक इंतजार किया था।

सिंह ने इसके लिए दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, ‘‘दिल्ली सरकार के पास दूरदृष्टि नहीं है और वह नहीं जानती थी कि अस्पतालों को कितनी मात्रा में ऑक्सीजन आपूर्ति करने की जरूरत है। इसका मतलब है कि सही मात्रा में आपूर्ति नहीं की गई। इस विषय की उचित जांच की जरूरत है।’’

उन्होंने इस संकट के लिए जिम्मेदार खामियों की जांच की मांग करते हुए कहा कि उन्होंने अदालत की निगरानी में जांच कराने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का भी रुख किया।

बत्रा अस्पताल में वहां के एक वरिष्ठ चिकित्सक सहित 12 मरीजों को ऑक्सीजन की आपूर्ति कम होने के चलते अपनी जान गंवानी पड़ गई।

अस्पताल के कार्यकारी निदेशक डॉ सुधांशु बांकटा ने कहा कि उस वक्त ऑक्सजीन की घोर किल्लत थी, लेकिन उन्होंने रिपोर्ट पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

गौरतलब है कि अप्रैल-मई में महामारी की दूसरी लहर ने दिल्ली को बुरी तरह से प्रभावित किया था। जिसमें काफी संख्या में लोगों की मौत हुई थी। शहर के विभिन्न अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी के चलते स्थिति भयावह हो गई थी।

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Web Title: Oxygen controversy: Relatives of those who died due to lack of oxygen demand a fair investigation

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