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सीरम इंस्टीट्यूट और ऑक्सफोर्ड की ‘कोविडशील्ड’ वैक्सीन पर सवाल, 40 वर्षीय शख्स ने शिकायत कर कहा-सोचने-समझने की क्षमता कमजोर

By एसके गुप्ता | Updated: November 30, 2020 19:31 IST

चेन्नई में हुए कोविडशील्ड वैक्सीन के ट्रायल में हिस्सा लेने वाले एक व्यक्ति ने खुराक लेने के बाद गंभीर साइड इफेक्ट सामने आने की बात कही है।

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ठळक मुद्देवैक्सीन सुरक्षित हो तभी उसके टीकाकरण को अनुमति मिले।सेहत को टीका परीक्षण से नुकसान हुआ है। वैक्सीन के एडवर्स इफेक्टिव को इससे जुड़े लोग छिपा रहे हैं।

नई दिल्लीः सीरम इंस्टीट्यूट और आक्सफोर्ड की ‘कोविडशील्ड’ वैक्सीन का ट्रायल टीका लगवाने वाले 40 वर्षीय व्यक्ति ने वर्चुअल न्यूरोलॉजिकल ब्रेकडाउन और सोचने-समझने की क्षमता के कमजोर होने की शिकायत करते हुए सीरम संस्थान और अन्य को कानूनी नोटिस भेजकर इस वैक्सीन के ट्रायल और टीकाकरण पर रोक लगाने की मांग की है।

इसके बाद यह मांग उठने लगी है कि वैक्सीन सुरक्षित हो तभी इसे लोगों को लगाया जाए। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (चेयरमैन हॉस्पिटल्स ऑफ इंडिया) के चेयरमैन डा. वीके मोंगा ने लोकमत से विशेष बातचीत में कहा कि वैक्सीन का सुरक्षित होना जरूरी है।

तमिलनाडु के शख्स द्वारा वैक्सीन को असुरक्षित बताते हुए नोटिस भेजने के बाद आईसीएमआर और ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया वैक्सीन सुरक्षित हैं या नहीं इसकी छानबीन में लगे हैं। डा. मोंगा ने कहा कि मेरा भी यही कहना है कि वैक्सीन सुरक्षित हो तभी उसके टीकाकरण को अनुमति मिले।

मस्तिष्क को प्रभावित करने वाली क्षति अथवा रोग का सामना करना पड़ा

कोविशील्ड के ट्रायल में शामिल हुए व्यक्ति ने आरोप लगाया है कि टीका लगवाने के बाद उसे तीव्र मस्तिष्क विकृति, मस्तिष्क को प्रभावित करने वाली क्षति अथवा रोग का सामना करना पड़ा है और सभी जांचों से पुष्टि हुई है कि उसकी सेहत को टीका परीक्षण से नुकसान हुआ है। 

वॉलंटियर ने सीरम इंस्टीट्यूट के साथ इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) , ब्रिटेन की एस्ट्राजेनेका, ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई), ऑक्सफोर्ड वैक्सीन ट्रायल के चीफ इन्वेस्टीगेटर एंड्र पोलार्ड, यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड के द जेनर इंस्टीट्यूट ऑफ लेबोरेटरीज और रामचंद्र हायर एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर के वाइस चांसलर को कानूनी नोटिस भेजा है।

वॉलंटियर के वकील एनजीआर प्रसाद ने सभी को 21 नवंबर को नोटिस भेजा गया था

वॉलंटियर के वकील एनजीआर प्रसाद ने सभी को 21 नवंबर को नोटिस भेजा गया था। वॉलंटियर ने अपने लीगल नोटिस में कहा है कि वैक्सीन बिल्कुल सुरक्षित नहीं है। तुरंत इसके सारे अप्रूवल्स कैंसिल कर देने चाहिए। उत्पादन और वितरण पर भी रोक लगना चाहिए। वैक्सीन के एडवर्स इफेक्टिव को इससे जुड़े लोग छिपा रहे हैं।

सीरम इंस्टीट्यूट ने वॉलंटियर के आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर कहा है कि ये गलत खबरें दुर्भावना के तहत फैलाई जा रहीं हैं। इससे कंपनी को नुकसान हुआ है। इसकी भरपाई के लिए हम 100 करोड़ रुपए का डैमेज क्लेम करेंगे।

इंस्टीट्यूट ने कहा है कि ''हम उनके (वॉलंटियर) स्वास्थ्य समस्याओं पर उनके साथ सहानुभूति रखते हैं, लेकिन इन समस्याओं का वैक्सीन के ट्रायल से कोई मतलब नहीं है। उनके मेडिकल कंडिशन के लिए कहीं से भी वैक्सीन जिम्मेदार नहीं है। वह अपनी समस्याओं के लिए झूठा आरोप वैक्सीन पर लगा रहे हैं।

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