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‘अब्बा जान’ और ‘चचा जान’ के जुमलों पर ओवैसी ने आदित्यनाथ व टिकैत पर साधा निशाना

By भाषा | Updated: September 20, 2021 20:33 IST

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अहमदाबाद, 20 सितंबर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और किसान नेता राकेश टिकैत द्वारा क्रमश: ‘अब्बा जान’ और ‘चचा जान’ जैसे शब्दों का प्रयोग करना मुस्लिमों के प्रति उनकी ‘घृणा’ को प्रदर्शित करता है। अहमदाबाद के दौरे पर आए ओवैसी ने उत्तर प्रदेश के पूर्व सांसद अतीक अहमद से मिलने का प्रयास किया था जो एआईएमआईएम के सदस्य भी हैं।

अहमद, साबरमती केंद्रीय कारागार में बंद हैं और कोविड-19 दिशा निर्देशों तथा अन्य कारणों के चलते ओवैसी को उनसे मिलने की अनुमति नहीं दी गई। हैदराबाद से लोकसभा सदस्य ओवैसी ने यह भी घोषणा की, कि उनकी पार्टी गुजरात में 2022 विधानसभा का चुनाव लड़ेगी।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने बयान दिया था कि वह स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से ही उत्तर प्रदेश में चल रहे मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति को समाप्त कर देंगे। उनके इस बयान के बाबत पूछे जाने पर ओवैसी ने संवाददाताओं से कहा, “वह (आदित्यनाथ) अब्बा जान शब्द का प्रयोग क्यों करते हैं? उन्हें पिताजी कहना चाहिए। इसे (इस प्रकार के शब्दों के प्रयोग को) अंग्रेजी में ‘डॉग व्हिसल’ राजनीति कहा जाता है।”

भारतीय किसान यूनियन के नेता टिकैत द्वारा “चचा जान” शब्द के प्रयोग के बारे में पूछे जाने पर ओवैसी ने कहा, “मुझे इससे फर्क नहीं पड़ता लेकिन सच यह है कि ऐसे जुमलों का मुस्लिमों के संदर्भ में प्रयोग किया जाता है, चाहे वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हों या यह व्यक्ति... यह उनकी मानसिकता को दिखाता है कि उनके भीतर मुस्लिमों के प्रति घृणा भरी हुई है।”

ओवैसी ने कहा कि आदित्यनाथ का दावा है कि वह तुष्टिकरण की राजनीति बंद कर देंगे लेकिन उन्होंने देश के सबसे अधिक जनसंख्या वाले राज्य में मुस्लिमों के लिए कुछ नहीं किया। एआईएमआईएम नेता ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अल्पसंख्यक समुदाय के केवल दो प्रतिशत लोग ही स्नातक हैं और पांच से 15 वर्ष की आयु में उनके स्कूल छोड़ने की दर सबसे ज्यादा (60 प्रतिशत) है।

जेल में अहमद से मिलने की अनुमति नहीं दिए जाने पर ओवैसी ने कहा, “उत्तर प्रदेश के लोग देख रहे हैं।” उन्होंने कहा कि वह जेल अधीक्षक से मिलकर अनुमति नहीं दिए जाने की बात कहना चाहते थे लेकिन पुलिस ने उन्हें मिलने नहीं दिया। उन्होंने कहा, “(अनुमति नहीं दिए जाने के बाद) मैं जेल अधीक्षक से मिलना चाहता था और उनसे पूछना चाहता था कि बाकी लोगों को विचाराधीन कैदियों से कैसे मिलने दिया जा रहा है (जबकि उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी जा रही) लेकिन पुलिस ने हमें हिरासत में ले लिया और कहा कि हम नहीं जा सकते।” इस पर पुलिस ने कहा कि उन्होंने ओवैसी को हिरासत में नहीं लिया।

ओवैसी ने कहा, “एक संदेश गया है कि गुजरात में भाजपा सरकार हमें अतीक से मिलने नहीं दे रही है… उत्तर प्रदेश की जनता यह देख रही है।”

एसीपी (सी डिवीजन) एस के त्रिवेदी ने कहा, “हमने उन्हें हिरासत में नहीं लिया, उन्हें मुलाकात की अनुमति जेल अधिकारियों द्वारा नहीं दी गई। वह अन्य कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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