देश में अंग दान का तीन साल में बढ़ा ग्राफ, ये राज्य सबसे आगे, यूपी-बिहार सबसे पीछे

By भाषा | Updated: November 24, 2019 15:47 IST2019-11-24T13:00:00+5:302019-11-24T15:47:31+5:30

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में अंग दान के मामले 2016 में 9046 से बढ़कर 2018 में 10,387 हो गये हैं। दिल्ली, इस मामले में अन्य सभी राज्यों से आगे है। मंत्रालय ने हाल ही में अंग दान से जुड़े आंकड़े एवं ब्योरे को संसद में पेश करते हुये बताया कि दिल्ली में 2018 में सर्वाधिक 2066 अंग दान किये गये।

Organ donation in the country increased in three years, Delhi state leads, UP-Bihar is behind | देश में अंग दान का तीन साल में बढ़ा ग्राफ, ये राज्य सबसे आगे, यूपी-बिहार सबसे पीछे

देशव्यापी जागरुकता अभियानों के बावजूद सभी 36 राज्यों और केन्द्र शासित राज्यों में से 22 में ही अंग दान शुरु हो पाया है।

Highlightsपिछले तीन साल में देश में अंग दान के ग्राफ में बढ़ोतरी हुयी हैअंगदान के लिहाज से बाकी राज्यों के मुकाबले जहां दिल्ली सबसे आगे रही है वहीं उत्तर प्रदेश और बिहार सबसे पीछे हैं।

देश में अंगदान को लेकर सरकार द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता अभियान से पिछले तीन साल में देश में अंग दान के ग्राफ में बढ़ोतरी हुयी है लेकिन अभी भी 28 राज्यों और नौ केन्द्र शासित प्रदेशों में से 22 में ही अंग दान शुरु हो पाया है। अंगदान के लिहाज से बाकी राज्यों के मुकाबले जहां दिल्ली सबसे आगे रही है वहीं उत्तर प्रदेश और बिहार सबसे पीछे हैं।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में अंग दान के मामले 2016 में 9046 से बढ़कर 2018 में 10,387 हो गये हैं। दिल्ली, इस मामले में अन्य सभी राज्यों से आगे है। मंत्रालय ने हाल ही में अंग दान से जुड़े आंकड़े एवं ब्योरे को संसद में पेश करते हुये बताया कि दिल्ली में 2018 में सर्वाधिक 2066 अंग दान किये गये। यह संख्या 2016 में 1947 और 2017 में 1989 थी। देश में मुख्यत: गुर्दा, हृदय, फेंफड़े और कॉर्निया के अलावा स्टेम सेल प्रत्यारोपण की मांग सबसे ज्यादा होने के कारण इन अंगों का दान ही किया जाता है।

उल्लेखनीय है कि मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (नोटो) राष्ट्रीय स्तर पर अंग दान को बढ़ावा देने, कानूनी प्रक्रिया के तहत अंगदान कराने और इस बारे में गैरकानूनी गतिविधियों पर निगरानी रखता है। यह संगठन अंग दान के संबंध में देशव्यापी जागरुकता अभियान भी चलाता है।

मंत्रालय द्वारा नोटो के हवाले से पेश आंकड़ों के अनुसार अंग दान के मामले में दिल्ली के बाद तमिलनाडु और महाराष्ट्र दूसरे और तीसरे पायदान पर हैं। तमिलनाडु में 2018 में 1936 लोगों ने अंग दान किया था जबकि 2016 में यह संख्या 1611 और 2017 में बढ़कर 1855 हो गयी। वहीं महाराष्ट्र में पिछले तीन साल से लगभग एक हजार लोग प्रतिवर्ष अंग दान कर रहे हैं।

मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में माना है कि देशव्यापी जागरुकता अभियानों के बावजूद सभी 36 राज्यों और केन्द्र शासित राज्यों में से 22 में ही अंग दान शुरु हो पाया है। इतना ही नहीं देश में मृत शरीर से अंग दान के बजाय जीवित लोगों द्वारा लगभग तीन गुना अधिक अंग दान किया जा रहा है। आंकड़ों से स्पष्ट है कि 2016 में मृत शरीर से 2265 अंग दान किये गये जबकि जीवित लोगों द्वारा 6781 अंग दान हुये।

यह अंतर 2017 में बढ़कर 2110 के मुकाबले 7489 हो गया वहीं 2018 में मृत शरीर से 2254 अंग दान की तुलना में 8133 लोगों ने जीवित रहते ही अंग दान किया। नोटो ने अंग प्रत्यारोपण की देश में लगातार बढ़ती जरूरत और चिकित्सा विज्ञान में शोध के लिये अंग दान की अहमियत के मद्देनजर मृत शरीर के देहदान को लेकर उत्तर प्रदेश, बिहार और पंजाब जैसे बड़े राज्यों में व्यापक जागरुकता अभियान शुरु किया है जो अंगदान के मामले में अभी भी काफी पीछे है। बिहार में पिछले तीन सालों में महज 44 अंग दान हुये, जबकि उत्तर प्रदेश में मृतकों के अंग दान का आंकड़ा तीन साल में महज 26 तक पहुंच पाया है।

Web Title: Organ donation in the country increased in three years, Delhi state leads, UP-Bihar is behind

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे