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हैदरपोरा मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश: जांच अधिकारी ने कार्यवाही शुरू की

By भाषा | Updated: November 18, 2021 20:15 IST

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श्रीनगर, 18 नवंबर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने यहां हैदरपोरा में हुई मुठभेड़ में आम नागरिकों की मौत के मामले की मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया है, जिसके बाद जांच अधिकारी खुर्शीद अहमद शाह ने कार्यवाही शुरू की और घटना के बारे में जनता से जानकारी मांगी।

शाह ने एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया, जिसमें उन लोगों से आग्रह किया गया जो सोमवार की मुठभेड़ के संबंध में अपना बयान दर्ज करना चाहते हैं। वे 10 दिनों के अंदर उनके कार्यालय से संपर्क सकते हैं। इस मुठभेड़ में चार लोगों की मौत हो गई थी।

शाह को श्रीनगर के जिलाधिकारी मोहम्मद एजाज असद ने जांच अधिकारी नामित किया है।

जिलाधिकारी की ओर से जारी आदेश में कहा गया है, “श्रीनगर के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट खुर्शीद अहमद शाह को मामले की तहकीकात करने के लिए जांच अधिकारी नामित किया गया है ताकि घटना से संबंधित तथ्यों और परिस्थितियों और मौत के कारणों का पता लगाया जा सके।”

इससे पहले उपराज्यपाल सिन्हा ने हैदरपोरा मुठभेड़ की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए थे।

सिन्हा ने ट्वीट किया, ‘‘हैदरपोरा मुठभेड़ मामले में एडीएम पद के अधिकारी द्वारा मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं। जैसे ही समयबद्ध तरीके से रिपोर्ट सौंपी जाएगी तो सरकार उचित कार्रवाई करेगी। जम्मू कश्मीर प्रशासन निर्दोष नागरिकों की जान की रक्षा करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराता है और वह सुनिश्चित करेगा कि कोई अन्याय न हो।’’

सोमवार को मुठभेड़ में मारे गए चार लोगों में से तीन के परिवार के सदस्यों द्वारा प्रदर्शनों के बीच मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं। उनका दावा है कि मृतक बेगुनाह थे।

मृतकों को लेकर परस्पर विरोधी दावों के बाद हैदरपोरा में सोमवार को हुई मुठभेड़ को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। परिवार ने पुलिस के इस आरोप का खंडन किया है कि वे ‘आतंकवादियों के सहयोगी’ थे।

पुलिस के मुताबिक, हैदरपोरा की एक इमारत में एक पाकिस्तानी आतंकवादी और उसका स्थानीय साथी आमिर माग्रे तथा दो आम नागरिक मोहम्मद अल्ताफ भट व मुदस्सिर गुल सोमवार को हुई मुठभेड़ में मारे गए। आरोप है कि इस इमारत में अवैध कॉल सेंटर चलाया जा रहा था और यह आतंकवादियों के छुपने का ठिकाना था।

भट (इमारत मालिक), गुल (किरायेदार) और माग्रे (गुल का ऑफिस बॉय) के परिवार के सदस्य और रिश्तेदार उनके मारे जाने के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका आरोप है कि यह ‘हत्या” है।

वे शवों की दिए जाने की भी मांग कर रहे हैं ताकि उनकी तदफीन (दफन) की जा सके।

भट के परिवार ने प्रशासन द्वारा जांच के आदेश का स्वागत किया लेकिन सिन्हा से उनका शव सौंपने की अपील की ताकि उनके बच्चे उन्हें आखिरी बार देख सकें।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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