उन्नाव मामले में विपक्ष ने सरकार को घेरा, पुलिस ने कहा मामले में विरोधाभासी बयान
By भाषा | Updated: February 18, 2021 18:54 IST2021-02-18T18:54:52+5:302021-02-18T18:54:52+5:30

उन्नाव मामले में विपक्ष ने सरकार को घेरा, पुलिस ने कहा मामले में विरोधाभासी बयान
उन्नाव/ लखनऊ, 18 फरवरी उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के असोहा थाना इलाके के बबुरहा गांव के बाहर बंधे पड़े मिले तीन किशोरियों में से मृत दोनों किशोरियों के मामले में विपक्ष ने सरकार को घेरा और निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए पुलिस को कठघरे में खड़ा किया है, दूसरी ओर पुलिस का दावा है कि मामले में पूछताछ शुरू कर दी गई है और विरोधाभासी बयान सामने आ रहे हैं।
उन्नाव पुलिस अधीक्षक आनन्द कुलकर्णी ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि घटना स्थल पर पहले पहुंचने वाले परिवार के सदस्यों से पूछताछ की जा रही है । उन्होंने कहा कि मां और भाई के बयानों तथा घटनास्थल पर गये लोगों के बयानों में विरोधाभास है।
पुलिस अधीक्षक ने यह भी कहा कि लड़कियों के शरीर पर चोट के निशान नहीं हैं और उन्हें बांधा नहीं गया था।
उन्होंने कहा कि सभी पहलुओं को जांच में शामिल किया जाएगा। उनका दावा है कि जल्दी ही मामले का राजफाश हो जाएगा।
दोनों किशोरियों का पोस्टमार्टम भारी सुरक्षा में डॉक्टरों के तीन सदस्यीय पैनल द्वारा किया गया है।
इस बीच उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक हितेश चंद्र अवस्थी ने बृहस्पतिवार को कहा कि दोनों दलित लड़कियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनकी मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है और उनके शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं पाये गये हैं ।
जिलाधिकारी रवींद्र कुमार ने बताया घायल किशोरी के इलाज को लेकर रीजेंसी हॉस्पिटल कानपुर को पत्र भेजा गया है और कहा गया है कि उसका इलाज मुख्यमंत्री राहत कोष से कराया जाएगा।
उन्नाव में तीन दलित किशोरियों के खेत में बंधे पड़े मिलने और उनमें दो की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है। विपक्षी समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी ने इस मामले को लेकर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है जबकि मुख्यमंत्री ने पूरे मामले की पुलिस महानिदेशक से रिपोर्ट तलब की है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्नाव की घटना का संज्ञान लेते हुए पुलिस महानिदेशक को प्रकरण की पूरी रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं।
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार मुख्यमंत्री ने कहा है कि अस्पताल में भर्ती पीड़िता का सरकारी व्यय पर बेहतर से बेहतर इलाज सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने पीड़िता के निःशुल्क इलाज की व्यवस्था करने के निर्देश दिये हैं।
पुलिस के अनुसार असोहा थाना इलाके के बबुरहा गांव में बीती शाम खेतों में पशुओं के लिये चारा लेने गयी तीन दलित किशोरियों के संदिग्ध अवस्था में मिलने के बाद इलाज के लिए सीएचसी ले जाया गया था,जहां चिकित्सकों ने कोमल (15) और काजल (14) को मृत घोषित कर दिया था, जबकि तीसरी रोशनी (16) की हालत गंभीर देखकर उन्नाव अस्पताल ले जाया गया और बाद में कानपुर में रेफर कर दिया गया।
कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाद्रा ने फेसबुक पर उन्नाव की घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
उन्होंने कहा '' उन्नाव की घटना दिल दहला देने वाली है। लड़कियों के परिवार की बात सुनना, एवं तीसरी बच्ची को तुरंत अच्छा इलाज जांच पड़ताल एवं न्याय की प्रक्रिया के लिए बेहद जरूरी है।''
वाद्रा ने कहा है कि ''खबरों के अनुसार पीडि़त परिवार को नजरबंद कर दिया गया है। यह न्याय के कार्य में बाधा डालने वाला काम है। आखिर परिवार को नजरबंद करके सरकार को क्या हासिल होगा।''
प्रियंका गांधी ने सरकार से अनुरोध किया है कि परिवार की पूरी बात सुनें और त्वरित प्रभाव से तीसरी बच्ची को इलाज के लिए दिल्ली शिफ़ट किया जाए।
इस घटना को लेकर बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बृहस्पतिवार को ट्वीट किया ' उप्र के उन्नाव जिले में तीन दलित बहनों में से दो की खेत में कल हुई रहस्यमय मौत एवं एक की हालत नाजुक होने की घटना अति गंभीर और अति दुखद है। पीडि़त परिवार के प्रति गहरी संवेदना। सरकार से घटना की उच्च स्तरीय जांच कराने तथा दोषियों को सख्त सजा दिलाने की बसपा की मांग।'
समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य सुनील सिंह यादव ने आारोप लगाया है कि उन्नाव पुलिस इस मामले को दबाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने इस घटना की स्वतंत्र एजेंसी से जांच की मांग की है।
यादव ने इस मामले में ट्वीट कर आरोप लगाया, 'आज उन्नाव में तीन नाबालिग बच्चियों की दुष्कर्म और हत्या की खबर ने योगी आदित्यनाथ की सरकार के महिला सुरक्षा और मिशन शक्ति पर कालिख पोतने का काम किया है । अपराधियों बलात्काारियों की जयकारे लगाकर सत्ता का संरक्षण देने वालों के राज में इससे वीभत्स व शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता।'
कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा ने भी उन्नाव की घटना की न्यायिक जांच की मांग की है।
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