विपक्षी दलों ने उप्र में शिक्षकों की मौत संबंधी बयान को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधा

By भाषा | Updated: May 19, 2021 15:47 IST2021-05-19T15:47:08+5:302021-05-19T15:47:08+5:30

Opposition parties targeted BJP government over statement related to death of teachers in UP | विपक्षी दलों ने उप्र में शिक्षकों की मौत संबंधी बयान को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधा

विपक्षी दलों ने उप्र में शिक्षकों की मौत संबंधी बयान को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधा

नयी दिल्ली/लखनऊ, 19 मई समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के समय ड्यूटी करते हुए सिर्फ तीन शिक्षकों की मौत संबंधी प्रदेश सरकार के बयान को लेकर बुधवार को उस पर आरोप लगाया कि यह सरकार शिक्षकों मौत के बाद भी उनका सम्मान छीन रही है तथा मुआवजा देने से बचने के लिए झूठ बोल रही है।

बसपा प्रमुख मायावती ने भी दावा किया कि चुनाव ड्यूटी में तैनात शिक्षकों की सरकार के स्तर पर उपेक्षा की गई।

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, ‘‘उप्र की निष्ठुर भाजपा सरकार मुआवज़ा देने से बचने के लिए अब यह झूठ बोल रही है कि चुनाव ड्यूटी में केवल तीन शिक्षकों की मौत हुई है जबकि शिक्षक संघ का दिया आंकड़ा 1,000 से अधिक है। भाजपा सरकार ‘महा झूठ का विश्व रिकॉर्ड’ बना रही है। परिवारवालों का दुख ये हृदयहीन भाजपाई क्या जानें।’’

कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘पंचायत चुनाव में ड्यूटी करते हुए मारे गए 1621 शिक्षकों की उप्र शिक्षक संघ द्वारा जारी सूची को संवेदनहीन उप्र सरकार झूठ कहकर मृत शिक्षकों की संख्या मात्र 3 बता रही है। शिक्षकों को जीते जी उचित सुरक्षा उपकरण और इलाज नहीं मिला और अब मृत्यु के बाद सरकार उनका सम्मान भी छीन रही है।’’

पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा, ''देश भर में कोरोना योद्धाओं के रूप में सम्मानित खासकर चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों के सेवाकाल के दौरान बीमार होने या उनकी मृत्यु होने पर सरकारों की घोर अनदेखी व उपेक्षा की खबरें अति-दुःखद हैं। उनकी सुरक्षा आदि के बारे में सरकारों को पूरी तरह से गंभीर होने की सख्त जरूरत है।''

बसपा नेता ने ट्वीट कर कहा, ‘‘इसी प्रकार, उप्र में पंचायत चुनाव की ड्यूटी निभाने वाले शिक्षकों व अन्य सरकारी कर्मचारियों की कोरोना वायरस संक्रमण से मौत की शिकायतें आम हो रही हैं, लेकिन इनकी सही जांच न होने के कारण इन्हें उचित सरकारी मदद भी नहीं मिल पा रही है, जो घोर अनुचित है। सरकार इस पर तुरन्त ध्यान दे।’’

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के शिक्षक संगठनों ने राज्य में हाल में हुए पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने वाले 1,621 शिक्षकों, शिक्षामित्रों तथा अन्य विभागीय कर्मियों की मृत्यु का दावा करते हुए सभी के परिजन को एक-एक करोड़ रुपए के मुआवजे और आश्रितों को सरकारी नौकरी देने की मांग की है।

प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने इस दावे को गलत ठहराते हुए मंगलवार को कहा था कि स्थापित मानकों के हिसाब से देखें, तो चुनाव ड्यूटी के दौरान सिर्फ तीन शिक्षकों की मौत हुई है।

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Web Title: Opposition parties targeted BJP government over statement related to death of teachers in UP

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