दिव्यांगों के कौशल विकास की योजना के तहत प्रशिक्षित एक तिहाई अभ्यर्थी ही आजीविका शुरू कर पाये

By भाषा | Updated: October 5, 2021 16:09 IST2021-10-05T16:09:12+5:302021-10-05T16:09:12+5:30

Only one third of the candidates trained under the scheme of skill development for the disabled could start their livelihood. | दिव्यांगों के कौशल विकास की योजना के तहत प्रशिक्षित एक तिहाई अभ्यर्थी ही आजीविका शुरू कर पाये

दिव्यांगों के कौशल विकास की योजना के तहत प्रशिक्षित एक तिहाई अभ्यर्थी ही आजीविका शुरू कर पाये

(दीपक रंजन)

नयी दिल्ली, पांच अक्टूबर केंद्र सरकार की मार्च 2015 में शुरु की गई ‘दिव्यांगजनों के कौशल विकास की राष्ट्रीय कार्य योजना’ के तहत अब तक जितने अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण दिया गया उनमें से मात्र एक तिहाई अभ्यर्थी ही अपनी आजीविका शुरू कर पाये हैं ।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।

‘दिव्यांगजनों के कौशल विकास की राष्ट्रीय कार्य योजना’ के तहत खर्च एवं प्राप्ति के संबंध में विभाग के ब्यौरे के अनुसार, ‘‘ योजना शुरू होने के बाद से अब तक 1.27 लाख दिव्यांगों को प्रशिक्षित किया गया। प्रशिक्षण के बाद अब तक 41,931 दिव्यांगों को स्वरोजगार सहित अन्य कार्यों में नियोजित किया गया । ’’

इस प्रकार, योजना के तहत प्रशिक्षित किये गए अभ्यर्थियों में से एक तिहाई ही आजीविका शुरू कर पाये हैं ।

गौरतलब है कि दिव्यांगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिये यह योजना मार्च 2015 में शुरू की गई थी, इसके लिए वित्त वर्ष 2016-17 से धनराशि देना शुरू किया गया और अब तक 126 करोड़ रूपये जारी किए गए हैं।

विभाग के सूत्रों ने ‘भाषा’ को बताया कि राष्ट्रीय कार्य योजना की कुछ समय पहले समीक्षा की गई थी और परिचालन से जुड़े कुछ मुद्दे सामने आए थे । उन्होंने बताया कि विभाग ने प्रणाली को सुव्यवस्थित बनाने के लिये कदम उठाये हैं, हालांकि महामारी फैलने के कारण यह कार्य प्रभावित हुआ है।

दिव्यांगों के कौशल विकास की इस योजना के तहत देश भर में 1.27 लाख दिव्यांगों को प्रशिक्षित किया गया। आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में सबसे अधिक 37 हजार दिव्यांगजनों को कौशल प्रशिक्षण दिया गया । पश्चिम बंगाल में करीब 10 हजार, उत्तर प्रदेश में चार हजार, तमिलनाडु में 3500, महाराष्ट्र में 3400, छत्तीसगढ़ में 3890, राजस्थान में 1040, मणिपुर में 1180, गुजरात में 900, हरियाणा में 790 दिव्यांगों को प्रशिक्षित किया गया ।

विभाग के अनुसार, योजना के लाभार्थियों की संख्या वित्त वर्ष 2016-17 में 17,430 थी जो 2017-18 में 58,210 और 2018-19 में 47,286 दर्ज की गई। वित्त वर्ष 2019-20 में लाभार्थियों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई और इस अवधि में 20,000 दिव्यांगों को कौशल प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया था। हालांकि केवल 1434 दिव्यांगों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया ।

कोविड-19 महामारी से प्रभावित वर्ष 2020-21 में योजना के लाभार्थियों की संख्या 30 रही हालांकि लक्ष्य 8500 दिव्यांगों को प्रशिक्षण करने का था।

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Web Title: Only one third of the candidates trained under the scheme of skill development for the disabled could start their livelihood.

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