जल्लीकट्टू के खेल में केवल देसी सांडों को भाग लेने की अनुमति दी जाए: उच्च न्यायालय

By भाषा | Updated: September 2, 2021 20:09 IST2021-09-02T20:09:49+5:302021-09-02T20:09:49+5:30

Only indigenous bulls should be allowed to participate in the game of Jallikattu: High Court | जल्लीकट्टू के खेल में केवल देसी सांडों को भाग लेने की अनुमति दी जाए: उच्च न्यायालय

जल्लीकट्टू के खेल में केवल देसी सांडों को भाग लेने की अनुमति दी जाए: उच्च न्यायालय

मद्रास उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह जल्लीकट्टू के खेल में केवल देसी नस्लों के सांडों को भाग लेने की अनुमति दे।न्यायमूर्ति एन किरुबाकरण और न्यायमूर्ति पी वेलमुरुगन की खंडपीठ ने हाल ही में एक आदेश में कहा कि आयातित/हाइब्रिड/दूसरी नस्ल के सांडों को आयोजनों में अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। मवेशियों के कृत्रिम गर्भाधान पर अदालत ने कहा कि यह जानवरों के प्रति क्रूरता के समान है। पीठ ने स्थानीय निवासी ई शेषन की एक जनहित याचिका पर यह आदेश दिया। याचिका में इस संबंध में आदेश पारित करने का आग्रह किया गया था।अदालत ने संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित और प्रमाणित करने का निर्देश दिया कि खेल में भाग लेने वाले बैल केवल देसी नस्ल के हैं। इसके लिये अधिकारियों को पशु चिकित्सकों से प्रमाण पत्र प्राप्त करने का निर्देश दिया गया है।अधिकारी सांड मालिकों/किसानों को सब्सिडी या प्रोत्साहन के माध्यम से देसी नस्लों को तैयार करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे, ताकि किसानों को देसी नस्लों को तैयार करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। जनहित याचिका में अधिकारियों से जल्लीकट्टू, मंजुविराट्टू, ओरमाडु, वदामडु या वदमंजीविराट्टू, एरुदत्तु विदुथल के खेल में तमिलनाडु के मवेशियों की देसी नस्लों के बैलों की भागीदारी सुनिश्चित करने और विदेशी नस्लों पर पाबंदी लगाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।

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Web Title: Only indigenous bulls should be allowed to participate in the game of Jallikattu: High Court

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