सिर्फ 7 लोगों को पता थी एयर स्ट्राइक की टाइमिंग, पीएम मोदी ने 18 फरवरी को ही दी थी हवाई हमले की मंजूरी
By पल्लवी कुमारी | Updated: February 27, 2019 14:14 IST2019-02-27T14:14:43+5:302019-02-27T14:14:43+5:30
भारत के विदेश सचिव विजय गोखले ने मंगलवार सुबह प्रेस कॉन्फेंस कर भारतीय वायु सेना के इस कथित खुफिया मिशन की जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था, "भारत सरकार को विश्वसनीय सूचना मिली थी कि जैश- ए-मोहम्मद देश के दूसरे हिस्सों में आत्मघाती हमले करने की कोशिश कर रहा था। इसलिए 26 फरवरी तड़के भारत ने बालाकोट में जैश के सबसे बड़े ट्रेनिंग कैंप को निशाना बनाया।"

सिर्फ 7 लोगों को पता थी एयर स्ट्राइक की टाइमिंग, पीएम मोदी ने 18 फरवरी को ही दी थी हवाई हमले की मंजूरी
भारत ने दावा किया है कि 26 फरवरी को तड़के सुबह साढ़े तीन बजे भारतीय लड़ाकू विमान मिराज 2000 से बड़ी कार्रवाई करते हुए जैश-ए-मोहम्मद के 350 आतंकी मार गिराए हैं। भारत ने दावा किया है कि मिराज 2000 ने हजार किलोग्राम बम गिराए थे। विदेश मंत्रालय ने जानकारी देते हुए कहा था, मंगलवार को पौ फटने से पहले बड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े शिविर को तबाह कर दिया। पाकिस्तान ने पुलवामा आतंकी हमले के बाद इन आतंकवादियों को उनकी सुरक्षा के लिए इस शिविर में भेजा था। लेकिन क्या आपको पता है कि इस हमले की टाइमिंग और इसमें कितना वक्त लगेगा ये सिर्फ सात लोगों को ही पता था।
द हिंदुस्तान टाइम्स वेवसाइट के मुताबिक पाकिस्तान के बालाकोट में चरमपंथी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग सेंटर पर मंगलवार की सुबह भारतीय वायुसेना के हमले की टाइमिंग की जानकारी सिर्फ सात लोगों को ही थी। द हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, 26 फरवरी की सुबह तीन बजकर 40 मिनट से लेकर तीन बजकर 53 मिनट तक हुए इस हमले में मिराज लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया गया था। ये हमला 21 मिनट का था।
हिन्दुस्तान टाइम्स ने खुफिया एजेंसी का हवाला देते हुए बताया कि इस हमले की टाइमिंग की जानकारी सिर्फ सात लोगों को ही पता थी। जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, तीनों सेनाओं के प्रमुख, इंटेलिजेंस ब्यूरो और रॉ के प्रमुख शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 फरवरी को हवाई हमले की मंजूरी दी थी।
22 फरवरी से ही वायुसेना ने अपने लड़ाकू विमानों को सीमा के निकट के एयरबेस से रात में उड़ान भरवाना शुरू कर दिया था ताकि पाकिस्तानी सेना को भ्रम में डाला जा सके। 25 फरवरी को खुफिया जानकारी मिली कि बालाकोट के शिविर में जैश-ए-मोहम्मद के 300 से 350 चरमपंथी मौजूद हैं। इसके बाद एयरफोर्स को हमले की हरी झंडी दे दी गई।
भारत के विदेश सचिव विजय गोखले ने मंगलवार सुबह प्रेस कॉन्फेंस कर भारतीय वायु सेना के इस कथित खुफिया मिशन की जानकारी दी। उन्होंने कहा, "भारत सरकार को विश्वसनीय सूचना मिली थी कि जैश- ए-मोहम्मद देश के दूसरे हिस्सों में आत्मघाती हमले करने की कोशिश कर रहा था। इसलिए 26 फरवरी तड़के भारत ने बालाकोट में जैश के सबसे बड़े ट्रेनिंग कैंप को निशाना बनाया।"