अधिक तीव्रता का भूकंप आने पर कुमाऊं हिमालय के एक तिहाई हिस्सा को पहुंच सकता है नुकसान

By भाषा | Updated: June 28, 2021 20:26 IST2021-06-28T20:26:37+5:302021-06-28T20:26:37+5:30

One-third of Kumaon Himalaya can be damaged due to high intensity earthquake | अधिक तीव्रता का भूकंप आने पर कुमाऊं हिमालय के एक तिहाई हिस्सा को पहुंच सकता है नुकसान

अधिक तीव्रता का भूकंप आने पर कुमाऊं हिमालय के एक तिहाई हिस्सा को पहुंच सकता है नुकसान

नयी दिल्ली, 28 जून हिमालय के कुमाऊं क्षेत्र के एक तिहाई से अधिक हिस्से को सात से 8.6 की तीव्रता वाला भूकंप आने पर हल्के नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के एक अध्ययन में यह दावा किया गया है।

कुमाऊं हिमालय, हिमालय पर्वतमाला का मध्य भाग है और इसका ज्यादातर हिस्सा उत्तराखंड में है।

कई अध्ययनों में दावा किया गया है कि इस क्षेत्र में आठ या इससे अधिक तीव्रता वाला भूकंप आने की आने की संभावना है। इस संदर्भ में सह-भूकंपीय भूस्खलन की माप महत्वपूर्ण हो गया है।

पर्वतीय और भूकंपीय रूप से सक्रिय पर्वतीय क्षेत्र में सह-भूकंपीय भूस्खलन एक काफी खतरनाक परिस्थिति है।

भूकंप के चलते होने वाले भूस्खलन से होने वाली तबाही अक्सर ही धरती हिलने की तुलना में कहीं अधिक होती है।

देहरादून स्थित वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों की एक टीम ने कुमाऊं हिमालय की गौरीगंगा घाटी में सह-भूकंपीय भूस्खलन का आकलन किया।

यह घाटी भारत के भूकंपीय दृष्टिकोण से सर्वाधिक सक्रिय क्षेत्र में स्थित है।

वैज्ञानिकों ने पाया कि क्षेत्र का एक तिहाई से अधिक हिस्सा सह-भूकंपीय भूस्खलन के लिए संवेदनशील है और सात आठ और 8.6 की तीव्रता वाले भूकंप अध्ययन क्षेत्र में शामिल क्रमश: 1,459 , 1,256 और 1,134 वर्ग किमी क्षेत्र को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

अध्ययन हाल ही में बुलेटिन ऑफ इंजीनियरिंग जियोलॉजी ऐंड इनवायरोन्मेंट में प्रकाशित हुआ है।

हिमालय क्षेत्र में अपनी तरह का यह पहला अध्ययन है।

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Web Title: One-third of Kumaon Himalaya can be damaged due to high intensity earthquake

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