वित्त मंत्री ने किया वन नेशन वन राशन कार्ड योजना का ऐलान, किसी भी राज्य में ले सकेंगे राशन
By सुमित राय | Published: May 14, 2020 04:54 PM2020-05-14T16:54:05+5:302020-05-14T17:24:34+5:30
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वन नेशन वन राशन कार्ड योजना का ऐलान किया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंगलवार (12 मई) को घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज के दूसरे चरण की विस्तृत जानकारी दी। इससे पहले वित्त मंत्री ने बुधवार को बुधवार को MSME सेक्टर के लिए कई बड़ी घोषनाएं की थी।
निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वन नेशन वन राशन कार्ड योजना का ऐलान किया। उन्होंने कहा, "वन नेशन वन राशन कार्ड की योजना पर काम होगा, जो हर राज्य में लागू होगा। प्रवासी किसी भी राज्य के राशन डिपो से इस कार्ड की मदद से राशन ले सकता है।"
उन्होंने बताया, "23 राज्यों में मौजूद 67 करोड़ राशनकार्ड धारक (जो कुल PDS आबादी का 83 फीसदी है) अगस्त 2020 तक नेशनल पोर्टेबिलिटी के तहत आ जाएंगे और मार्च 2021 से पहले 100 फीसदी नेशनल पोर्टेबिलिटी हासिल कर ली जाएगी।"
One Nation One Ration Card will be implemented- 67 crore beneficiaries in 23 states covering 83% of PDS population will be covered by national portability by August 2020: FM Sitharaman pic.twitter.com/72s0bj6PD0
— ANI (@ANI) May 14, 2020
क्या है वन नेशन वन राशन कार्ड योजना
केंद्र सरकार ने साल 2019 में 'वन नेशन, वन राशन कार्ड' योजना का पायलट प्रॉजेक्ट चार राज्यों में लागू किया था। इस योजना के अंतर्गत देश में रहने वाली किसी भी नागरिक का एक ही राशन कार्ड होगा तथा साथ ही वो कही भी रह रहा होगा उसे वहीं पर राशन उपलब्ध होगा। इसके बाद 1 जनवरी 2020 से 12 राज्यों में वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना लागू की गई। इनमें मध्य प्रदेश, गोवा, त्रिपुरा, झारखंड, कर्नाटक, राजस्थान, केरल, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, तेलंगाना शामिल हैं।
पहले चरण में वित्त मंत्री द्वारा किए गए ऐलान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विशेष पैकेज के पहले चरण को सामने रखते हुए कहा कि भारतीय एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए 200 करोड़ रुपये तक के ठेकों के लिए कोई वैश्विक निविदा जारी नहीं की जाएगी। सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों समेत छोटे कारोबारियों को 3 लाख करोड़ रुपये का बिना गारंटी वाला कर्ज उपलब्ध कराने और गैर-बैंकिग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) तथा आवास वित्त कंपनियों को 30,000 करोड़ रुपये की नकदी सुविधा उपलब्ध कराना शामिल है।
नकदी की भारी तंगी से जूझ रही बिजली वितरण कंपनियों को सहारा देते हुए सरकार ने बुधवार को कहा कि उनके बकाया के भुगतान के लिए 90,000 हजार करोड़ रुपये तक की नकदी दो किस्तों में उपलब्ध कराई जाएगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अर्थव्यवस्था का चक्र घुमाने के लिये बिजली वितरण कंपनियों का संकट दूर किया जाना जरूरी है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के तहत आने वाले सभी प्रतिष्ठानों में नियोक्ताओं और कर्मचारियों के भविष्य निधि योगदान को तीन माह के लिए सांविधिक योगदान मूल वेतन के 12 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत करने की घोषणा की। कर्मचारियों को जेबों में अधिक पैसा डालने और नियोक्ताओं को पीएफ (भविष्य निधि) बकाया के भुगतान में राहत देने के लिये यह कदम उठाया गया है। इससे दोनों को कुल 6,750 करोड़ रुपये की नकदी सुलभ होगी।